नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति में छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिलेगा। हायर एजुकेशन में भी कई स्तरीय बदलाव होंगे। इसके अलावा बोर्ड परीक्षाओं की भी संरचना बदलेगी। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक कक्षाओं का स्वरूप भी बदल जाएगा। साथ ही साथ सालों से एक ही ढर्रे पर चल रही इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा में भी कई अहम बदलाव होंगे। ये सब बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहीं।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहों कि नई नीति में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाया जाएगा। इन परीक्षाओं के माध्यम से कोचिंग और रटने के बजाय मुख्य रूप से क्षमताओं एवं योग्यताओं का आकलन किया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं के उच्चतर जोखिम पहलू को समाप्त करने के लिए सभी छात्रों को किसी भी स्कूल वर्ष के दौरान दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। एक मुख्य परीक्षा और यदि आवश्यक हो तो एक सुधार के लिए अनुमति मिलेगी। नई शिक्षा नीति में प्रारम्भिक स्तर से ही छात्रों को लचीली, बहुआयामी, बहुस्तरीय, खेल आधारित, गतिविधि आधारित और खोज आधारित शिक्षा व्यवस्था से लाभान्वित किया जाएगा। इस नीति का समग्र उद्देश्य बच्चों का शारीरिक भौतिक विकास, संज्ञात्मक विकास, समाज संवेगात्मक नैतिक विकास, सांस्कृतिक विकास, संवाद के लिए प्रारम्भिक भाषा, साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान के विकास में अधिकतम परिणामों को प्राप्त करना है। नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम के बोझ में कमी, बढ़े हुए लचीलेपन, रटकर सीखने के बजाय रचनात्मक तरीके से सीखने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल के पाठ्य पुस्तकों में भी बदलाव किया जाएगा।