बंधक बनाने के बयान पर पायलट गुट के विधायको का पलटवार, कहा अपनी इच्छा से आये है

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा था कि दिल्ली में भाजपा ने हमारे कुछ विधायकों को बंधक बना रखा है। उनके फोन छीन लिए गए हैं। उन पर बाउंसर लगाए गए हैं। अब सीएम अशोक गहलोत के इस बयान का पायलट गुट के विधायकों ने विरोध किया है। नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि पिछले कई दिनों से हम महसूस कर रहे हैं कि हमारी पार्टी के मुखिया अशोक गहलोत जिस तरह की बातें कर रहे हैं, उनके लिए शोभाजनक नहीं है। अशोक गहलोत ने प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायकों को भाजपा ने बंधक बना रखा है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ना हमें किसी ने बंधक बना रखा है और ना ही कोई बाउंसर लगाए गए हैं। ना हम बीमार है और ना ही आंसू बहा रहे हैं। हम अपनी स्वेच्छा से यहां आए हैं। पिछले डेढ़ साल में हमारी विधानसभा में कोई काम नहीं किया। अब इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं जो कि बिलकुल गलत है। मैं उनसे निवेदन करता हूं कि आप अपनी कुर्सी बचाएं रखें, लेकिन इस तरह के गलत आरोप नहीं लगाएं। कांग्रेस की एकता के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ दो।  विधायक वेदप्रकाश् सोलंकी ने कहा कि कुछ लोग जयपुर में बैठकर आरोप लगा रखे हैं कि तमाम विधायकों को बंधक बना रखे है। मैं उनको कहना चाहता हूं कि हम लोग अपनी स्वेच्छा से आए थे। विशेषकर मैं कलेक्टर से पास बनावाकर और सबको कहकर आया हूं कि दिल्ली जा रहा हूं। हम सब अपने मन और विवेक से यहां आए हैं। किसी पार्टी ने बंधक नहीं बनाया है। हमने आलाकमान से एक ही बात कही थी कि हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे। विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि अशोक गहलोत तीन बार सीएम रह चुके हैं। वह जिस तरह से अनर्गल आरोप हम पर लगा रहे हैं उससे बड़ा दुख हो रहा है। हमने ना तो कांग्रेस छोड़ी है और ना ही बीजेपी से संपर्क किया है। पिछले डेढ़ साल से उन्होंने हमारी उपेक्षा की है। उनसे नाराज होकर हाईकमान के सामने अपनी बात रखने के लिए दिल्ली आए हुए हैं और लंबे समय से इसी वजह से दिल्ली रुके हुए हैं। उन्होंने मीडिया के माध्यम से आरोप लगाए हैं कि हमको बीजेपी की ओर से कैद किया गया है, जबकि हमारा बीजेपी से कोई संपर्क नहीं हुआ है, बल्कि उन्होंने हम पर एसओजी और एसीबी का प्रयोग किया है, जिससे हमारे परिवार वाले भयभीत है। मेरा उनसे अनुरोध है कि जिस तरह की उनकी कार्यप्रणाली हैं, उसमें बदलाव करना चाहिए। इससे कांग्रेस को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। अगर वो कांग्रेस के हितैषी हैं तो उस सीट के चिपक कर क्यों बैठे हैं। उन्हें कांग्रेस की एकता के लिए उस सीट को छोड़ देना चाहिए।

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