सीएम गहलोत कांग्रेस विधायकों के साथ बस में बैठकर होटल के लिए हुए रवाना

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जयपुर । राजस्थान मेें मुख्यमंत्री निवास जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है। बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडियाकर्मियों को सीएम आवास बुलाकर मौजूद विधायकों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई । इस बैठक में 107 विधायकों के मौजूद होने का दावा किया गया है। यह पुष्टि सीएम के मीडिया ओएसडी ने की है। अब चार लग्जरी बसों के जरिये दिल्ली रोड स्थित एक होटल में इन कांग्रेसी विधायकों की बाड़ेबंदी हो रही है। आपको बता दे कि गहलोत सरकार का संकट सुलझाने के लिए कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे ने मोर्चा संभाल रखा है । इस दौरान उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की और कैबिनेट मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के साथ चर्चा की थी। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी इस बैठक में मौजूद रहे ।वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक अपील करके कांग्रेस विधायकों को एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी वैचारिक मतभेद हो जाते है, लेकिन वैचारिक मतभेद के चलते अपनी ही पार्टी की चुनी हुई सरकार को लेकर अस्थिर करना गलत है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा को लेकर सरकार को अस्थिर करना गलत है और कोई मतभेद है, तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दरवाजे हमेशा के लिए खुले है। उन्होंने कहा कि यदि परिवार में कोई भी परेशान है, तो उन्हें परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर समाधान खोजना चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से, जिसमें सोनिया और राहुल भी शामिल हैं, मैं यह बताता हूं कि कांग्रेस पार्टी के दरवाजे सचिन पायलट के लिए हमेशा खुले हैं।

कई विधायक हमसे जुड़ना चाहते हैं : सतीश पूनिया- राजस्थान में कांग्रेस के दो खेमे में बंटने से उत्पन्न संकट के बीच राज्य के भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गठबंधन सहयोगी आरएलपी के तीन विधायकों सहित उनके पास 74 विधानसभा सदस्य हैं, लेकिन दूसरी पार्टियों के कई विधायक भाजपा से जुड़ने को तैयार हैं। पूनिया ने कहा, “राजनीतिक संकट के कारण अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि गठबंधन सहयोगियों सहित हम संख्या में 75 हैं और कई अन्य विधायक हमसे जुड़ने को तैयार हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेगी और राज्य में करवट लेती राजनीतिक स्थिति पर नजर रखते हुए अगले आदेश का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा, “हमारी रणनीति अपनी जगह है, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी न करने पाए, क्योंकि वह लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।”

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