चाकसू। लम्बे समय बाद आखिरकार कोरोना संक्रमण ने चाकसू कस्बे में अपनी दस्तक दे दी है। कस्बे में वार्ड नं. 9 निवासी 65 वर्षीय मृतक महिला सीता देवी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मृतक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही यह खबर कस्बे में आग की तरह फैल गई और लोगो में अफरा तफरी मच गई। स्थानीय लोग जो कोरोना संक्रमण
से बचाव में कोताही बरत रहे थे वह अचानक सरकारी गाइडलाइन का पालन करते नजर आये। मृतक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही चिकित्सा टीम, तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन मौके पर पहुॅचा और एरिये को सील कर दिया गया। चिकित्सा टीम ने सम्पर्क में आये लोगो की जानकारी जुटाई और उनके सेम्पल लिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौम्य पंडित ने बताया कि दो दिन पूर्व वार्ड नं. 9 निवासी सीता देवी की मृत्यु हो गई थी। मृतका के संदिग्ध होने की सूचना पर तहसीलदार अर्शदीप बरार मेडिकल टीम के साथ श्मशान घाट पहुॅची और चिता पर ही मृतका का कोरोना सेम्पल लिया गया। इसके साथ ही परिवार के पांच लोगो के सेम्पल भी लिये गये। गुरुवार को सुबह मृतका सीता देवी
की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये। तहसीलदार अर्शदीप बरार मौके पर पहुॅची और पॉजिटिव मिले एरिये को सील करवाया। डॉ. सौम्य पंडित ने बताया कि मृतका के दाह संस्कार में शामिल हुए व सम्पर्क में आये 65 लोगो के सेम्पल लिए गये है। वही कॉलोनी को सेनेटाइज किया गया है। बता दे कि कस्बे में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला है।
खामी हुई उजागर: स्थानीय लोगो से मिली जानकारी अनुसार मृतका का बेटा गणेश महात्मा गांधी हॉस्पिटल में लान्ड्रिंग का कार्य करता था। वह अपनी पत्नी व बच्चो सहित अपनी बिमार सास से मिलने कुछ दिन पहले जयपुर गया था। इसके बाद ससुराल में शादी होने के चलते गणेश की पत्नी व उसके बच्चे दोबारा जयपुर गये। इस दौरान गणेश की सास की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके चलते गणेश की पत्नी व बच्चों को परिवार सहित जयपुर में क्वारेटाइन किया गया था। एक दो दिन बाद गणेश का बडा बेटा क्वारेंटाइन से भाग कर चाकसू आ गया। पूरे मामले में बडी बात यह रही की क्वारेंटाइन किये गये परिवार की निगरानी करने वाली टीम को इसकी जानकारी तक नही हुई। इस मामले में तहसीलदार अर्शदीप बरार का कहना है कि इस मामले की जानकारी मुझे नही है अगर क्वारेंटाइन से भागकर कोई आता है तो इसकी जिम्मेदारी निगरानी टीम की होती है, जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जायेगी।
चिकित्सा विभाग की लापरवाही आई सामने: वार्ड पार्षद रामरतन शर्मा व परिजनो का कहना है कि गणेश का बडा बेटा जब क्वारेंटाइन से भागकर चाकसू आया तो चिकित्सा विभाग को इसकी सूचना दी गई और जांच के लिए कहा गया। इसके बावजूद सेम्पल लेने वाली टीम ने दो दिन बाद जांच करने की बात कहते हुए उन्हे वापस भेज दिया। अगर समय रहते जांच हो जाती तो कई लोग सम्पर्क में आने से बच सकते थे।