मानसून दस्तक देने को तैयार, जिम्मेदारो ने एक साल बाद भी टूटी हुई पाल की नही ली सुध

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चाकसू। पिछले मानसून में उपखंड क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते कई तालाब लबालब हो गये तो वही कई बडे बंधे
क्षतिग्रस्त हो गये। बंधो के क्षतिग्रस्त होने से भारी मात्रा में बरसाती पानी बह गया। आनन फानन में जागे प्रशासन ने क्षतिग्रस्त बांधो व तालाबो की मरम्मत के लिए भागदौड शुरु की लेकिन लाख कोशिशो के बावजूद कई बांध रित गये। अब साल भर गुजर जाने के बाद भी कई भराव क्षेत्र ऐसे है जिनको अब भी मरम्मत का इंतजार है लेकिन जिम्मेदार अपनी आंखे मूंद बैठे है। रामनिवासपुरा गांव में स्थित तालाब की पाल पिछले मानसून में क्षतिग्रस्त होकर टूट गई जिसके चलते तालाब का पूरा पानी व्यर्थ बह गया और गांव में बाढ के हालात हो गये। तालाब का पानी व्यर्थ बह जाने से लोगो के सामने मानसून बाद की खेती के लिए पानी का संकट खडा हो गया। ग्रामीण चाकसू विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी को कई बार लिखित ज्ञापन देकर पाल की मरम्मत की मांग कर चुके है लेकिन अब तक किसी ने टूटी हुई पाल की सुध नही ली है। अब ग्रामीणो ने उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण सेे टूटी पाल की मरम्मत मानसून पूर्व करवाने की मांग की है ताकि बारिश का पानी तालाब में सहेजा जा सके और गांव में बाढ के हालात पैदा ना हो। ग्रामीण श्योपाल मीणा ने बताया कि स्थानीय सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी व विकास अधिकारी को कई बार मामले से अवगत करवाने के बाद भी किसी ने टूटी पाल की सुध नही ली है, ऐसे में अगर इस बार भी तेज बारिश होती है तो व्यर्थ पानी बहने से खेती बाडी को नुकसान हांेगा वही मानसून बाद तालाब में खेती के लिए पर्याप्त पानी नही बचेगा। गौरतलब है कि उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण मानसून पूर्व की तैयारियो के तहत संबंधित अधिकारियो की मिटिंग लेकर उन्हे क्षतिग्रस्त भराव क्षेत्र की मरम्मत करने के निर्देश प्रदान कर चुके है। बावजूद इसके अब तक जिम्मेदार लापरवाह बने हुए है।

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