सिरुंजिया के पास ढाबे में 34 वर्षीय युवक की संदिग्ध अवस्था में मिली लाश, घटना स्थल बना छावनी

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चाकसू। क्षेत्र में नेशनल हाइवे 12 पर सिरुंजिया के पास लक्ष्मीपुरा पुलिया के नजदीक गुरुवार को सुबह एक युवक का संदिग्ध अवस्था मे शव मिलने से सनसनी फैल गई। घटना स्थल पर मृतक की बाइक भी मिली है और उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर चाकसू एसीपी के.के.अवस्थी, थानाधिकारी बृजमोहन कविया सहित पुलिस के आला अधिकारी जाप्ते सहित मौके पर पहॅुचे जिससे घटना स्थल छावनी सा नजर आने लगा। इस दौरान परिजनो ने करीब पांच घंटे तक जमकर हंगामा किया और हत्या के दोषी व्यक्तियो को ढूढकर कठोर सजा की
मांग पर अड गये और मृतक के शव को उठाने नही दिया। परिजनो ने सांगानेर डिप्टी की कार्यशैली से आक्रोशित होकर डिप्टी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की। जैसे-जैसे घटना की जानकारी लोगो तक पहॅुची तो सैकडो की संख्या में लोग घटना स्थल पर जमा हो गये।

चाकसू व सांगानेर विधायक पहुॅचे मौके पर – मामले की गंभीरता को देखते हुए चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी व सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण भी मौके पर पहुॅचे और परिजनो से समझाइश की। पांच घंटे से भी ज्यादा देर चली समझाइश के बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमत हुए। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए महात्मा गांधी हॉस्पिटल भेजा गया। वही एफएसएल की टीम ने घटना स्थल से
साक्ष्य जुटाये।
पुलिस पर सहयोग नही करने का लगाया आरोप – परिजनो ने प्रताप नगर सेक्टर 26 में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये है, इसके साथ ही सांागनेर डिप्टी पर मामले को हल्के में लेने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। परिजनो ने कहा कि रात करीब 12 बजे डिप्टी को पूरे मामले की सूचना देने के बावजूद उन्होने आराम करने का समय होने की बात कहकर फोन काट दिया।

दिन और रात ढूढा, सुबह 6 बजे मिली लाश – मृतक के भाई विष्णु शर्मा ने बताया कि उसका बडा भाई मृतक हनुमान सहाय सुखपुरिया, सदर थाने के सामने, इण्डिया गेट, सांगानेर में रहता है और जैन पेक्ट में कार्य करता था। बुधवार को वह सुबह 9 बजे घर से ऑफिस के लिए निकला था। उसके बाद करीब 11 बजे उससे फोन पर बात हुई थी। इसके बाद करीब 12 बजे उसे दोबारा फोन किया तो कई बार फोन करने पर भी उसने फोन नही उठाया तो संदेह होने पर परिजन हनुमान के ऑफिस गये। ऑफिस जाने पर परिजनो को जानकारी मिली कि हनुमान कम्पनी पहॅुचा ही नही। इसके बाद परिजनो ने पुलिस में कार्यरत अपने परिचित को फोन किया तो उन्होने लोकेशन के आधार पर हनुमान के चाकसू
में होने की जानकारी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिजनो ने दोपहर दो बजे पुलिस को सूचना दी लेकिन
पुलिस ने कोई सहयोग नही किया। इसके बाद करीब 40 से 50 परिजन अपने साधनो से हनुमान को ढूढने निकल गये। जब हनुमान का कोई सुराग नही लगा तो रात को सैकडो की संख्या में लोग प्रताप नगर सेक्टर 26 के थाने में धरने पर बैठ गये। विष्णु ने बताया कि रात करीब 12 बजे डिप्टी को पूरे मामले की सूचना दी गई तो उन्होने भी मामले को हल्के में लिया और रात को आराम करने का समय होने की बात कहकर फोन काट दिया। परिवार के कुछ लोग हनुमान को रात करीब दो बजे तक ढूढते रहे। जब वह नही मिला तो परिजन वापस घर लौट गये। सुबह जल्दी उठकर वापस परिजन हनुमान की तलाश में निकले तो करीब 6 बजे लक्ष्मीपुरा पुलिया के पास स्थित ढाबे पर हनुमान की लाश मिली।
परिजनो की यह है मांगे – घटना स्थल पर करीब पांच घंटे तक हनुमान का शव पडा रहा। परिजन
मौके पर पहुॅचे विधायक व पुलिस प्रशासन से मांग पूरी नही होने तक शव को नही उठाने देने की जिद
पर अड गये। इसके बाद परिजनो ने प्रशासन के सामने 24 घंटे में हत्या के आरोपियो को गिरफ्तार करने,
मामले की उच्च अधिकारियो से जांच करवाकर दोषी पुलिस अधिकारी को बरखास्त करने व सरकार की
तरफ से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग रखी। इन मांगो पर विधायक व प्रशासन
द्वारा सहमति प्रदान करने के बाद परिजनो ने शव को पोस्टमार्टम के लिए उठाने दिया।

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