लॉकडाउन बना मुसीबत – परिवार से दूर होकर दो माह से चाकसू में अटका है तमिलनाडू का 19 वर्षीय विन्सेन्ट

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चाकसू। कोरोना महामारी के चलते 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा होने से कई प्रवासी लोग अन्य राज्यों में फंस गये। ऐसा ही एक मामला चाकसू में सामने आया है। दरअसल अम्बालावानापुरम, विक्रमासिंगापुरम, तमिलनाडू का रहने वाला 19 वर्षीय युवक पिछले दो माह से अपने परिवार से दूर चाकसू में रहने को मजबूर है। मिली जानकारी अनुसार युवक विन्सेन्ट एस अपनी बहन से झगडा कर घर से निकला और ट्रेन से सफर करता हुआ चाकसू पहुॅच गया। अजनबी शहर में घूमते हुए उसका एक्सीडेन्ट हो गया तो कुम्हारियावास से 108 एम्बूलेन्स सेटेलाइट हॉस्पिटल लेकर आई। तब से विन्सेन्ट यही रह रहा है। सेटेलाइट हॉस्पिटल परिसर में संचालित सहकारी मेडिकल पर कार्यरत जीतू ने बताया कि किसी तरह तमिलनाडू के आईपीएस से बात हुई तो उन्होने विन्सेन्ट की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनो द्वारा दर्ज करवाने की जानकारी दी। इसके बाद विन्सेन्ट की परिजनो से बात करवाई तो परिजनो ने राहत की सांस ली। विन्सेन्ट ने जब परिजनो से बात की तो उसकी आंखो से आंसू छलक पडे जिस पर परिजनो ने उसे लॉकडाउन हटते ही घर ले जाने की बात कहकर ढांढस बंधाया। परिजन अपने कलेजे के टुकडे को घर लेकर जाना चाहते है लेकिन लॉकडाउन की बार-बार बढती समय सीमा के आगे वह मजबूर हो गये है। सहकारी मेडिकल पर कार्यरत जीतू ने बताया कि विन्सेन्ट
को तमिल भाषा के अलावा अन्य भाषा नही आती जिसके चलते उसे थोडी परेशानियों का सामना भी करना पडता है। लेकिन अब वह कुछ हद तक हिन्दी समझने लगा है ऐसे में सेटेलाइट हॉस्पिटल में सुबह ओपीडी के समय आने वाले मरीजो को दूर-दूर खडा रहने की कहकर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाता नजर आता है। सेटेलाइट हॉस्पिटल में कार्यरत सफाईकर्मी बबीता देवी विन्सेन्ट को सुबह का खाना खिलाती है वही शाम को सबकी रसोई चाकसू से टिफिन का पैकेट मिल जाता है। खबर मु्द्दे की समाचार पत्र द्वारा पूरे मामले की जानकारी जब उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण
को दी गई तो उन्होने विन्सेन्ट व उसके परिवार की पीडा को महसूस किया और तमिलनाडू की ट्रेन सुविधा शुरु होते ही उसे तमिलनाडू भेजने की बात कही।

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