नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच चिकित्साकर्मियों के साथ मारपीट व अभद्रता की खबरे लगातार सामने आ रही है। कई जगह असामाजिक तत्व कोरोना यौद्धा बन इस महामारी में मोर्चा संभाले खडे स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव व मारपीट करने से बाज नही आ रही है। इसके चलते सरकार ने राष्ट्रीय महामारी कानून में बदलाव कर नया अध्यादेश जारी किया है। अब अगर चिकित्साकर्मी पर हमला किया जाता है तो यह गैरजमानती अपराध की श्रेणी में माना जायेगा और दोषी पाये जाने वाले को 6 महिने से 7 साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड सकता है। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले होने की खबरे लगातार सामने आने के बाद सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है। इसके तहत हमलावर को किसी भी स्थिति में जमानत नही मिल सकेगी। चिकित्साकर्मी पर हमला होने पर तीस दिन में जांच पूरी करनी पडेगी और अधिकतम एक वर्ष के अन्दर फैसला लिया जायेगा जिसमें दोषी पाये जाने पर 7 साल तक की जेल हो सकती है। अगर किसी स्वास्थ्यकर्मी की गाडी या सम्पति पर को नुकसान पहुॅचाया जाता है तो बाजार कीमत से दोगुना की भरपाई दोषी को करनी पडेगी।