मानव कल्याण के लिए पद यात्रा पर निकले कुशाग्र नंदी जी महाराज का काफिला जयपुर पंहुचा

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जयपुर। (खबर मुद्दे की) पिछले लम्बे समय से मानव कल्याण के लिए पद यात्रा कर रहे आचार्य सम्राट श्री कुशाग्र नंदी जी महाराज ने गुरूवार को जयपुर प्रवास से पहले मीडिया को संबोधित किया। उनके साथ ऊर्जा गुरु श्री अरिहंत ऋषि भी मौजूद रहे. अपनी मौजूदा यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए कुशाग्र नंदी जी ने कहा कि ऋषि मुनि धर्म प्रभावना करने के लिए, जन मानस की जाग्रति करने के लिए इस तरह की यात्राएं करते हैं क्योंकि उपदेश देना सतों का फर्ज होता है और उपदेश सुनना भक्तों का फर्ज है। भक्त और भगवान् के बीच का जो दायरा है संत उसे कम करने और भक्तों को भगवान से मिलाने का कार्य करते है। उन्होंने कहा कि महावीरजी व अन्य जगहों की यात्रा भ्रमण करते हुए जयपुर की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. यह यात्रा मानवता की जाग्रति करने के लिए, जन मानस का उद्धार करने के लिए और आगामी चतुर्मास के लिए एक मानवता और मनुष्यता की पहचान कराने उद्देश्य से की जा रही है ताकि मनुष्य के भीतर के नकारात्मक विचारों को नष्ट कर के उनके भीतर सकारात्मक विचारों का प्रवाह किया जा सके और उनके भीतर खुद को पहचानने के साथ साथ औरों को पहचानने की शक्ति जाग्रत हो सके। कुशाग्र नंदी जी ने बताया कि हम सब एक परमात्मा के अंश हैं, भगवान के स्वरुप हैं और उस परमात्मा को प्राप्त करने के लिए ये सारा प्रयास किया जा रहा है और आने वाले चार महीने का जो प्रवास है वह जयपुर में इसी प्रकार की ऊर्जा की प्रवाहना करने के लिए है। इसके अलावा ऊर्जा गुरु ने भी अपने विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक रहे, शिक्षा अच्छी हो तो निश्चित तौर पर मानव जाति को नया आयाम मिलता है. अभी हम कुशाग्रनंदी जी महाराज के साथ जयपुर नगरी पहुंच रहे हैं, तो अवश्य ही जनता के लिए कुछ न कुछ नया सन्देश पेश करेंगे और हम जन जागरण करने के लिए जिस अभियान को चला रहे हैं उसके लिए जनता का साथ बहुत जरुरी हैं. हम आश्वस्त हैं कि जन मानस की जाग्रति के लिए उठाये गए इस कदम को जनता के प्रेम के साथ हम नए शिखर पर पहुचाएंगे। इसके अतिरिक्त वैष्णो देवी पद यात्रा समूह के अध्यक्ष श्री सुदेश अजमेरा ने पद यात्रा की और कहा कि वह भी पिछले 25 वर्षो से वैष्णो देवी तक पद यात्रा कर रहे हैं लेकिन गुरु की जो यात्रा है वह उनकी पद यात्रा से बहुत बड़ी है, क्योंकि यह सतत चलने वाली यात्रा है और मानव कल्याण के लिए की जा रही है और उनकी यात्रा से जो साथी जुड़ते हैं वह खुद के कल्याण की यात्रा के साथ जुड़ते हैं।

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