पालिका परिसर में राहत कैम्प बना खानापूर्ति, फरियाद सुनने वाला कोई नही

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जयपुर (चाकसू)। संयुक्त शासन सचिव प्रथम नगरिय विकास एवं आवासन विभाग राजस्थान जयपुर के आदेशानुसार नगरपालिका शहरी क्षेत्र में आमजन के लम्बित कार्यो का सर्वे व चिन्हिकरण हेतु वार्डवार पालिका परिसर में कैम्प आयोजित कर लोगो को राहत दिया जाना है। लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा इन आदेशों की धज्जिया उडाई जा रही है। बता दे कि पालिका परिसर में 26 फरवरी से 25 मार्च तक वार्डवार लम्बित प्रकरणों का आवेदन प्राप्त किया जाना है ताकि आमजन को राहत मिल सके। कैम्प में कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं के नियमन, पट्टे जारी करने बाबत, अनुमोदित आवासीय योजनाओं के भूखण्डों के पट्टे जारी करना, एकमुश्त लीज जमा कराने पर लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करना, भूखण्ड का नाम हस्तान्तरण, ले-आउट के अनुमोदन के प्रकरण, भवन निर्माण स्वीकृति के प्रकरण, टूटी सड़कों के मरम्मत का कार्य, खांचा भूमि का आवंटन, कच्ची बस्ती के नियमन के प्रकरण, विभिन्न व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं के आवेदन तैयार करने के प्रकरण व शहरी निकाय के अन्य प्रकरण जो आमजन से संबंधित है उनके आवेदन लिये जाने है। पालिका प्रशासन ने कैम्प की जानकारी के लिए मुख्य द्वार पर एक बेनर लगाकर इसकी जानकारी दर्शा रखी है लेकिन आमजन को इस कैम्प की जानकारी नही है और यह कैम्प महज एक खानापूर्ति नजर आ रहा है। हालात यह है कि पालिका परिसर कैम्प के दौरान खाली नजर आता है। अगर कोई भूला भटका फरियादी यहॉ पहुॅच भी जाता है तो उसको एक कमरे से दूसरे कमरे में धक्के खाना पड रहा है। जिस हॉल पर कैम्प की सूचना का बोर्ड लगा है वहॉ न कोई प्रशासनिक अधिकारी नजर आता है और ना ही कोई फरियादी। इस मामले में पालिका की एक महिला कर्मचारी का कहना है कि जितने लोग आवेदन लेकर आ रहे है उनसे कमरों में ही आवेदन लिए जा रहे है। आवेदकों की संख्या एक दो होने की बात कहने पर महिला कर्मचारी इस सवाल का कोई सटीक जवाब नही दे पाई। मौके पर अपनी समस्या लेकर गये विक्रम सांवरिया ने बताया कि शुक्रवार को वार्ड नं. 10, 11 व 12 का कैम्प था। अपनी समस्या के समाधान के लिए नगर पालिका गया था, लेकिन वहॉ कैम्प के लिए कोई स्थान ही नजर नही आया और ना ही कोई अधिकारी। इस मामले में कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी महिमा डांगी से जब दूरभाष पर जानकारी लेनी चाही तो कई बार फोन करने के बावजूद उन्होने फोन रिसिव नही किया। ऐसे में बडा सवाल यह उठता है कि कैम्प के माध्यम से राहत की उम्मीद लगाने वाले आमजन को आखिर राहत कैसे मिलेगी।

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