हैदराबाद। कांग्रेस सचिव और पूर्व सांसद वी. हनुमंत राव पर पुलिस इंस्पेक्टर पर जातिगत टिप्पणियां करने और गालियां देने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने राव पर केस दर्ज किया तो वह और भड़क गए। हनुमंत राव खुद पर केस दर्ज होने के विरोध में धरने पर बैठ गए। लेकिन पुलिस ने हनुमंत राव को हिरासत में ले लिया है। हनुमंत राव धरने पर बैठ गए थे और वहां से उठने को तैयार नहीं थे। लेकिन दो पुलिस वालों ने उन्हें उठाया और गाड़ी में बिठा दिया। इस दौरान हनुमंत राव पुलिस को तानाशाह कहते रहे, नारे लगाते रहे। लेकिन पुलिस उन्हें गाड़ी में बिठाकर थाने ले गई।वाकया विधानसभा परिसर में उस समय हुआ जब राव मीडिया प्वॉइंट पर पत्रकारों से बात करना चाह रहे थे। बंदोबस्त ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर सुधाकर ने राव से कहा था कि सिर्फ एमएलए या एमएलसी को ही यहां मीडिया से बातचीत करने की इजाजत है। शुक्रवार को अफसर ने सोशल मीडिया पर इस वाकये के बारे में जानकारी दी। सुधाकर ने न सिर्फ अपनी नाराजगी जाहिर की, बल्कि अपने अपमान के विरोध के तौर पर इस्तीफे की पेशकश की भी। इंस्पेक्टर के सोशल मीडिया पर लिखने के बाद पुलिस ने पूर्व सांसद राव के खिलाफ केस दर्ज किया। राव के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया गया है। जब पुलिस इंस्पेक्टर सुधाकर ने राव को मीडिया से बात करने से रोका तो उन्होंने अफसर को चेतावनी दी और रूल बुक दिखाने को कहा। पूर्व सांसद ने कहा, ‘तुम लोगों ने धरना चौक को प्रदर्शनकारियों की पहुंच से बाहर कर दिया है और अब मुझको मीडिया प्वाइंट पर जाने से रोका जा रहा है। हम लोकतंत्र में रह रहे हैं या तानाशाही में? मुझे रोकने वाले तुम होते कौन हो? मैं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का सचिव हूं और मैं निश्चित तौर पर रिपोर्टरों से बात करूंगा।’ दूसरी तरफ पुलिस अफसर का कहना है कि वह सिर्फ पूर्व सांसद को नियमों के बारे में सूचना दे रहा था और उन्हें रोक नहीं रहा था। अफसर ने कहा, ‘मैंने हनुमंत राव को सल्यूट भी किया।