सालों से कैद मां-बेटी बनी ‘जिंदा कंकाल’

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नई दिल्ली। दिल्ली के डाबड़ी इलाके में एक कमरे में बंद जिंदा कंकाल बन चुकीं मां-बेटी को निकाला गया है। मां बेटी इस कमरे में कई वर्षों से कैद थीं। इस दौरान इन दोनों का समाज से संपर्क कट चुका था और लोगों ने भी इनसे दूरी बना ली थी। दोनों महिलाओं की पहचान कलावती मिश्रा (मां) और दीपा मिश्रा (बेटी) के रूप में हुई है। वहीं, हिरासत में लिया गया बुजुर्ग शख्स महावीर मिश्रा हैं, जो एमटीएनएल से रिटायर्ड है। बुधवार देर शाम आरडब्ल्यूए के कुछ लोग पुलिस को लेकर जब घर पहुंचे तो कमरे से बदबू आ रही थी। एक छोटा-सा कमरा था, जिसमें उजाला भी नहीं था और कमरे में पड़ी एक चारपाई पर मां-बेटी पड़ी हुईं नजर आईं। कमरे में बाहर की हवा या रोशनी तक का इंतजाम नहीं था। मां-बेटी को कमरे से निकालने के लिए महिला पुलिसकर्मी बुलाई गईं। इसके बाद पीसीआर के जरिए मां बेटी को अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। कंकाल बन चुकीं मां-बेटी के शरीर में इतनी भी ताकत नहीं कि वे कुछ बोलकर बयान दे सकें। पीडि़ता का कहना है कि बुजुर्ग महावीर मिश्रा अंधविश्वासी हैं। उसने मां तथा बेटी पर भूत-प्रेत का साया बताकर दोनों को घर के अंदर बंद कर रखा था। इन दोनों को घर से बाहर नहीं निकलने देता था। अंधविश्वास के चलते इन दोनों का इलाज तक नहीं करवाता था। मां-बेटी की स्थिति ऐसी हो गई थी कि दोनों जीते-जी कंकाल बन चुके थे। दिल्ली के डाबड़ी क्षेत्र के महावीर एन्केल्व पार्ट-2 में महावीर मिश्रा का मकान है। महावीर मिश्रा के 2 बेटे थे। दोनों की मौत हो चुकी है। महावीर की पत्नी का भी देहांत हो चुका है। वहीं, पति की मौत के बाद कलावती अपनी बेटी दीपा के साथ इसी घर में रह रही हैं। आरोप है कि दूसरे बेटे की पत्नी और बच्चे महावीर के गलत बर्ताव के कारण से अलग रह रहे हैं।

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