अटारी बॉर्डर। अटारी सीमा पर रविवार को अंतरराष्ट्रीय अटारी-वाघा सीमा पर देश का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराया गया। 55 टन के पोल पर फहराए गए इस तिरंगे की ऊंचाई 360 फुट है। 120 गुना 80 फुट के तिरंगे का वजन 100 किलो है। अब यह लिम्का बुक में दर्ज होगा। अटारी सीमा से लाहौर की दूरी लगभग 20 किमी है। तिरंगा लगाने वाली कंपनी का दावा कि यह लाहौर से दिखाई देगा। तिरंगे को लहराने की रस्म निकाय मंत्री अनिल जोशी, बीएसएफ के आइजी मुकुल गोयल, डीआइजी जेएस ओबराय, आइजी दिल्ली हेडक्वार्टर सुमेर सिंह और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल शर्मा ने अदा की। बीएसएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। यह तिरंगा अटारी सीमा पर नोमेन लैंड से 150 मीटर दूर पंजाब टूरिज्म विभाग के सूचना केंद्र के बाहर स्थापित किया गया है। नगर सुधार ट्रस्ट ने 3.50 करोड़ रुपये से बजाज इलेक्टि्रकल की सहयोगी कंपनी भारत इलेक्टि्रकल होशियारपुर से इसे तैयार कराया है। 55 टन वजन और 110 मीटर लंबे पोल को खड़ा करने के लिए मुंबई से विशेष सात ट्रालों पर स्पेशल क्रेन मंगवाई गई थी। क्रेन ने पोल लगाने का 78 लाख रुपये किराया लिया है। तीन साल तक राष्ट्रीय ध्वज की देखरेख भारत इलेक्टि्रकल कंपनी करेगी। लाइट के लिए 65-65 फुट ऊंचे तीन पोल लगाए गए हैं। हर पोल पर 500-500 वाट के 12 बल्ब लगाए गए हैं। पाकिस्तान द्वारा इस पर आपत्ति उठाए जाने के बाद जून 2016 में प्रोजेक्ट रुक गया था। पहले तिरंगा सद्भावना द्वार से 30 फुट की दूरी पर स्थापित किया जाना था। पाक रेंजरों की आपत्ति के बाद इसे ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर स्थित पंजाब टूरिज्म विभाग की जगह पर स्थापित किया गया है। 1 मार्च 2017 को तिरंगे के पोल में कैमरे होने की बात कहते हुए पाक रेंजरों ने फिर आपत्ति उठाई थी, जिसे बीएसएफ ने सिरे से खाजिर कर दिया था।