बेंगलुरु। बेंगलुरु में रहने वाले रमेश बाबू शायद देश के एकलौते नाई होंगे जो 3 करोड़ की रॉल्स रॉयस कार में बैठकर अपने सैलून तक जाते हैं। खास बात यह है कि उनके सैलून में बाल काटने के नार्मल चार्जेस ही लगते हैं। पिछले महीने एयरो इंडिया में आए जर्मन डेलीगेट्स ने एक शाही नई मर्सडीज मेबैक एस 600 को किराए पर लिया था। इस कार की कीमत 3.2 करोड़ है और यह भारत में उपलब्ध नहीं है। इस कार को कुछ समय पहले जर्मनी से इंपोर्ट किया गया है लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इस कार का मालिक कोई उद्योगपति नहीं बल्कि एक नाई हैं, जो 75 रुपये में लोगों के बाल काटते हैं। इस कार के अलावा रमेश बाबू के पास एक रॉल्स रॉयस, 11 मर्सडीज, 3 ऑडी और दो जगुआर कारें हैं। वह इन कारों को किराए पर भी देते हैं। रमेश टूर एंड ट्रैवल्स के मालिक भी हैं लेकिन इतनी महंगी कारों के मालिक होने के बावजूद भी वह अपना पेशेवर काम नहीं भूले हैं और रोजाना अपने सैलून में पांच घंटे काम करते हैं। विजय माल्या के पास भी मेबैक कार है लेकिन वह सुनहरे रंग की है। हालांकि उनके लंदन जाने के बाद यह कार शहर में कभी नहीं दिखाई दी है। रमेश ने कहा, ‘ भगवान मेरे साथ है और मैंने यहां तक पहुंचने कि लिए कड़ी मेहनत की है। मेरा सपना था कि मैं दुनिया की लक्जरी कार का मालिक बनूं। मैं नहीं चाहता कि मैं भूल जाऊं कि मैं कहा से आया हूं, मेरी मां ने मेरे पिता की मौत के बाद बेहद गरीबी में पाला है। इसलिए मैं अभी भी अपने सैलून पर कार्य करता हूं।’जब 1979 में रमेश के पिता की मौत हुई थी वो उस समय 9 वर्ष के थे और बेहद गरीब थे। एसएसएलसी पूरा करने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह से नाई बन गए। किस्तम ने तब पलटी मारी जब उन्होंने 1994 में मारूति ओम्नी वैन खरीदी और यहीं से उनकी कारों का शौक हावी हो गया। फिलहाल रमेश के पास 150 लक्जरी कारें हैं जिन्हें वह किराए पर देते हैं। 2011 में वह तब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने रॉल्स रॉयस खरीदी थी।