हर साल वायु प्रदूषण की भेंट चढ़ जाते हैं 42 लाख लोग

0
375

नई दिल्ली । एक अमेरिकी संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से दुनिया भर में हर साल 42 लाख लोगों की अकाल मौत हो जाती है जिसमें 11 लाख मौतें भारत में होती हैं। इस मामले में वह सिर्फ चीन से पीछे है। पर्यावरण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरंमेंट (सीएसई) ने बताया कि अमेरिका के हेल्थ अफैक्ट इंस्टीट्यूट की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, हवा में पीएम-2.5 कणों की अधिकता के कारण दुनिया में सबसे ज्यादा समयपूर्व मौतें चीन में होती हैं जबकि भारत भी अब ज्यादा पीछे नहीं रह गया है। ओजोन प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा भारत में होती हैं। इस मामले भारत में चीन की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा मौतें होती हैं। वहीं, यह संख्या बंगलादेश के मुकाबले 13 गुणा तथा पाकिस्तान के मुकाबले 21 गुणा अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जिस तेजी से प्रदूषण के कारण समय से पहले मौत के मामले बढ़ रहे हैं वह वाकई भयावह है। चीन में पीएम-2.5 के कारण मौतों के मामले वर्ष 1990 से अब तक 17.22 प्रतिशत बढ़े हैं जबकि भारत में इनमें 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ओजोन प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या इस दौरान लगभग स्थिर रही है जबकि भारत में यह 148 फीसदी बढ़ी है। सीएसई ने मामले की गंभीरता देखते हुये तुरंत इसका निदान ढूँढऩे की माँग की है। सीएसई ने बताया कि दुनिया की 92 प्रतिशत आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहाँ वह प्रदूषित हवा में साँस लेने के लिए मजबूर है। उसकी कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान एवं परामर्श) अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा भारत इन आँकड़ों की अनदेखी नहीं कर सकता। सूक्ष्म धूलकणों तथा ओजोन प्रदूषण के कारण देश में कई लोग समय से पहले कालकल्वित हो जाते हैं या बीमार पड़ जाते हैं जिससे काम करने की उनकी उम्र का बड़ा हिस्सा बेकार चला जाता है। इसलिए यह स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति है। इसके लिए राष्ट्रव्यापी हस्तक्षेप कर प्रदूषण कम करने तथा हवा की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here