जयपुर (चाकसू)। 18 जनवरी को अपने पीहर से पति के पास जयपुर जाने के लिए निकली विवाहिता को धन का लालच देकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। थानाधिकारी कन्हैयालाल छाबडी ने बताया कि रामपुरा खुर्द थाना लालसोट निवासी महिला द्वारा मानटाउन जिला सवाई माधोपुर थाने में दर्ज करवाये गये मामले में बताया गया कि वह 18 जनवरी को अपने पीहर से पति जो कि जयपुर में मजदूरी करता है, के पास जाने के लिए अपने भाई के साथ कोटखावदा बस स्टेण्ड पर आई थी। भाई जब उसे बस स्टेण्ड पर छोडकर चला गया तो वहॉ उसे उसकी मौसी सास का बेटा शंकरलाल मीना निवासी कल्याणपुरा थाना रामगढ़ पचवारा अपने दोस्त खेडारानिवास निवासी मुकेश मीना के साथ मिला। दोनो ने पिडिता को धन का लालच दिया और अपने साथ बाईक पर बिठाकर लालसोट ले गये। वहॉ शंकर ने लक्ष्मीनारायण व हंसराज मीना को साथ में लिया और पिडिता से सवाईमाधोपुर के पास बाबा के स्थान पर चलने के लिए कहा, जहॉ एक व्यक्ति उन्हे धन के बारे में बतायेगा। इसके बाद सभी लालसोट से सवाई माधोपुर आ गए जहॉ कुंडेरा निवासी 70 वर्षीय बद्री माली नामक व्यक्ति मिला। उस व्यक्ति के साथ सभी इन्द्रगढ़ माताजी मंदिर के पास धर्मशाला में चले गये। इसके बाद शाम को सभी ने खाना खाया और धर्मशाला में सो गये। इस दौरान शंकर ने पिडिता से कहा कि रात्रि के समय बाबा बद्री में जिन्द आएगा, उस समय बाबा जो कहे उससे इनकार मत करना। रात दो बजे बद्री ने अपनी नोटंकी दिखाई और रुपए बरसाने का खेल दिखाया इसके बाद वह पिडिता के पास आकर सो गया और दो बार पिडिता से दुष्कर्म किया। इसके बाद बद्री ने क्वालजी मंदिर के पास दीवार में पांच-छह किलो सोने की चरी होने की बात कही, जिस पर सुबह सभी क्वालजी आ गए। वहॉ पहुॅचने के बाद सभी पिडिता को प्रसाद बेचने वाले के पास छोडकर क्वालजी के पहाडो में धन निकालने चले गये, लेकिन वहॉ कोई धन नही मिला। इसके बाद सभी क्वालजी से इन्द्रगढ़ आ गए। बाबा बद्री ने दूसरे दिन सुबह धन बताने की बात कही और सवाई माधोपुर पहुॅचकर पिडिता को दस लाख रुपए का हार दिलाने के लिए कहा। इसके बाद सभी सवाई माधोपुर आ गए तथा खेडली गांव में बगीचे पर पिडिता को अकेले छोडकर सभी आरोपी भाग गए। इसके बाद पिडिता मानटाउन थाने पहुॅची और मामला दर्ज करवाया। कोटखावदा थाना क्षेत्र का मामला होने के कारण जांच को कोटखावदा थाने में भेज दिया गया। यहॉ पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांचो आरोपियों शंकरलाल, मुकेश, लक्ष्मीनारायण, हंसराज व बद्री को लालसोट के पास से हिरासत में लिया और एसीपी के सामने पेश किया। अनुसंधान में आरोप साबित होने पर सभी आरोपियों को गिरफतार कर लिया गया।