चाकसू। कोरोना महामारी के चलते विगत करीब डेढ़ वर्ष से बंद पड़े स्कूलो के कारण आर्थिक समस्या से जूझते निजी स्कूल संचालको का सब्र आखिरकार अब टूटने लगा है। इसके साथ ही शिक्षा नीति में सरकार के दोगले रवैये के चलते भी निजी स्कूल संचालको में नाराजगी है। यही कारण है कि आखिरकार निजी स्कूल संचालको ने अब न्याय नही मिलने पर राजभवन घेरने की बात कही है। स्कूल शिक्षा परिवार राजस्थान के बैनर तले सोमवार को अपनी मांगो को लेकर निजी स्कूल संचालको ने उपखंड अधिकारी राजेश कुमार मीना को ज्ञापन सौपा। इस दौरान श्री पब्लिक स्कूल वैलफेयर सोसायटी चाकसू अध्यक्ष सुरज्ञानसिंह बड़ोदिया व कोटखावदा तहसील अध्यक्ष शेखर शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी में एक ओर सरकार ने निजी स्कूलो को बंद रखने के आदेश दे दिये वही दूसरी ओर आरटीई का भुगतान समय पर नही किया जा रहा है जिसके चलते निजी स्कूल संचालको की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलो में जहॉ प्रवेश पूरे साल किये जाते है वही निजी स्कूलो के प्रवेश पोर्टल को कुछ समय बाद बंद कर दिया जाता है जो निजी स्कूलो के साथ छलावा है। साथ ही निजी स्कूल संचालको की मांग है कि बिना टीसी प्रवेश के आदेश को वापस लिया जाये। गुजरात, हरियाणा में 15 जुलाई से स्कूले वापस प्रारम्भ होने जा रही है ऐसे में राजस्थान में भी अब स्कूलो को खोला जाये। निजी स्कूल संचालको ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा के नाम उक्त मांगो का ज्ञापन प्रेषित किया है। उक्त सभी बिन्दुओ पर अगर शीघ्र न्याय नही मिलता है तो निजी स्कूल संचालक आंदोलन करने के साथ ही राजभवन का घेराव करेगें। इस दौरान स्कूल शिक्षा परिवार के जिला जयपुर दक्षिण अध्यक्ष कालूराम सारण, ब्लॉक अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, जिला प्रभारी रामप्रसाद यादव, जिला सचिव कैलाशचन्द यादव, ब्लॉक प्रभारी राजेन्द्र गोस्वामी, चेतराम सैनी, राजेन्द्र जांगिड़, कैलाश गुर्जर, राजेन्द्र शर्मा, इरशाद खॉन, कोटखावदा प्रभारी श्याम बिहारी शर्मा सहित बडी संख्या में स्कूल संचालक मौजूद रहे।