मानव महाविद्यालय मे संत रविदास जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित आठ दिवसीय कबड्डी महाकुंभ प्रतियोगिता का समापन

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चाकसू। डॉक्टर अंबेडकर प्रतिष्ठान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित तथा मानव ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा आयोजित किए जा रहे आठ दिवसीय संत रविदास जयंती समारोह के अंतर्गत कबड्डी महाकुंभ प्रतियोगिता का समापन समारोह रविवार को आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि गंगाराम आलोरिया पूर्व मुख्य सचिव गुजरात सरकार रहे, समारोह की अध्यक्षता जयनारायण शेर उपमहानिरीक्षक सीआईडी क्राइम ब्रांच राजस्थान ने की। समारोह के मुख्य वक्ता देवेंद्र सिंह एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली तथा टीकम चंद बोहरा अतिरिक्त आयुक्त भू प्रबंध विभाग राजस्थान सरकार रहे। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। मानव ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक विकेश खोलिय ने अतिथियों का माल्यार्पण कर, साफा पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में संस्थान के निदेशक खोलिया ने बताया कि महाविद्यालय विगत 4 वर्षों से अंबेडकर फाउंडेशन नई दिल्ली के सहयोग से संत रविदास जयंती अंबेडकर जयंती, वाल्मीकि जयंती सहित कई प्रकार के आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह महाविद्यालय 2006 में मात्र 16 विद्यार्थी से शुरू किया गया था जिसमें वर्तमान में 2000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। साथ ही छोटे बच्चों के लिए भी विगत 4 वर्षों से मानव पब्लिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है।

समारोह के मुख्य अतिथि गंगाराम आलोरिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संसार में ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ है। मनुष्य को सदैव विवेकशील व संवेदनशील होना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता कर रहे जय नारायण शेर ने कहा कि भारत में सर्वाधिक ग्रंथ लिखे गए हैं। यहां सर्वाधिक पुस्तकालय और संग्रहालय हैं। हमारी सभ्यता व संस्कृति विश्व में श्रेष्ठ है फिर भी आज हमारे यहां पर सर्वाधिक समस्याएं हैं। हम कर्मवाद में विश्वास करते हैं लेकिन सबसे ज्यादा समस्याएं कर्म को महान बताने वालों ने ही पैदा की हैं। उन्होंने खेलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल हमें चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाते हैं। समारोह के मुख्य वक्ता देवेंद्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि सफलता के लिए हमें बहुत अधिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है कम संसाधनों की सहायता से भी किसी कार्य को हम सफल बना सकते हैं।

टीकम चंद बोहरा ने अपने संबोधन में कहा कि संत रविदास जी एक महान संत थे जिन्होंने सामाजिक सद्भाव को लेकर चिंतन और मनन किया। भक्ति काल के दौरान वंचित वर्ग के जो लोग थे उन्होंने शोषण की जितनी भी परंपराएं थी उनका विरोध किया। साथ ही संत रविदास हिंदू मुस्लिम एकता के भी एक महान आयाम थे उन्होंने कर्म को ही धर्म बताया। समारोह के अंतर्गत कबड्डी का फाइनल मुकाबला खेला गया जिसमें मानव पीजी कॉलेज की टीम विजेता रही। साथ ही कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें डॉक्टर अंबेडकर के जीवन परिचय, कोविड महामारी और भारतीय संस्कृति को दर्शाते हुए विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए गए।

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