कोटखावदा में किसान महापंचायत-सचिन पायलट ने एक ओर केन्द्र सरकार को घेरा वही दूसरी ओर दिखाया शक्ति प्रदर्शन

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चाकसू । कोटखावदा में शुक्रवार को आयोजित किसान महापंचायत में सचिन पायलट ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं।
एक ओर सचिन ने कृषि कानून के विरोध में हो रहे किसानों के आंदोलन पर केंद्र को खरी-खोटी सुनाकर इस कानून में
किसानो के साथ होने की स्वीकृति दी वही 15 समर्थक विधायकों को मंच पर बैठाकर गहलोत गुट को भी यह संदेश
दिया कि अभी कहानी खत्म नहीं हुई है। पायलट ने कृषि कानून को लेकर कहा कि देश का किसान खून के आंसू रो रहा है, केंद्र में कोई सुनने वाला नहीं है। किसान को सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए, केंद्र की तानाशाही के खिलाफ किसान
और नौजवान संघर्ष के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अन्न पैदा करने वाले किसान की कोई जाति नहीं होती है, किसान सबका है। हम जाति से ऊपर उठकर संघर्ष करेंगे। दिल्ली में बैरीकेट्स लगाकर रास्ते रोक दिए गये लेकिन हम मानने वाले नहीं हैं। केंद्र को तीनों कानून वापस लेने ही पड़ेंगे। महापंचायत में मंच पर पायलट समर्थक 15 विधायक भी मौजूद रहे। जिनमें बयाना विधायक अमरसिंह जाटव, डींग कुम्हेर विधायक विश्वेन्द्र सिंह, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा, विराटनगर विधायक इन्द्रराज सिंह गुर्जर, दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, सपोटरा विधायक रमेश मीणा, टोडाभीम विधायक पृथ्वीराज मीणा, देवली उनियारा विधायक हरीश मीणा, खेतड़ी विधायक वीरेंद्र सिंह, गुड़ामालानी विधायक हेमराम चौधरी, लाडनू विधायक मुकेश भाकर, झुंझुनू विधायक शीशराम ओला, मसूदा विधायक राकेश पारीक, निवाई विधायक प्रशान्त बैरवा तथा पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी मौजूद थे। किसान महापंचायत की अध्यक्षता चाकसू विधायक ने की। मुख्यअतिथि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट रहे।
विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना – कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए नाम लिए बिना गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा पहले हमारी 99 सीट आईं, फिर 101 हो गई, मेहनत कोई करे.. विश्वेंद्र सिंह के इतना कहते ही पूरी महापंचायत में तालिया और पायलट के समर्थन में नारेबाजी होने लगी। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा आप मेरे से ज्यादा होशियार हो, मैं आपको क्या भाषण दूं। विश्वेंद्र सिंह मेहनत कोई करे, यह कहकर रुक गए, लेकिन इसमें सब कुछ कह गए। ऐसे मे कहा जा सकता है कि यह किसान महापंचायत पायलट का एक सियासी पावरगेम था।
सियासी संग्राम में पायलट का दामन छोडने वाले प्रशांत बैरवा भी पहुॅचे मंच पर – कुछ माह पूर्व प्रदेश की राजनीति में आये भूचाल के समय पायलट का साथ छोड़ने वाले निवाई विधायक प्रशांत बैरवा भी महापंचायत के मंच पर पहुंचे। इस दौरान पायलट समर्थकों ने हूटिंग शुरू कर दी और जमकर नारेबाजी करने लगे। हालांकि बाद में उनको शांत करवाया गया। प्रशांत बैरवा लम्बे समय बाद पायलट के किसी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। बता दे कि प्रशांत बैरवा पहले सचिन पायलट के ही साथ थे लेकिन प्रदेश की राजनीति में जब सियासी संग्राम छिडा तो वह गहलोत खेमे में चले गए थे और बाड़ेबंदी में भी वह गहलोत के साथ थे। प्रशांत बैरवा को मंच पर देखकर लोगो के जहन में एक ही सवाल था कि क्या प्रशांत बैरवा गहलोत खेमा छोड़कर वापस पायलट के साथ आ गए हैं। महापंचायत में करीब 20 से 22 हजार की संख्या में महिला व पुरुष शामिल थे। महापंचायत के सफल संचालन के लिए प्रशासन व पुलिस के जवान अलर्ट नजर आये वही पूरे कार्यक्रम की ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। महापंचायत के बाद सचिन पायलट ने अपने पिता एवं पूर्व केबिनेट मंत्री स्व. राजेश पायलट की प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हे याद करते हुए नमन किया। महापंचायत में किसान नेता शिवप्रताप हरसाना, कांग्रेस महिला देहात जिलाध्यक्ष कविता गुर्जर, चाकसू ब्लॉक अध्यक्ष गंगाराम मीना, हरिनारायण चौधरी, नगरपालिका पार्षद विक्रम सांवरिया सहित बडी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व पायलट समर्थक मौजूद थे।

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