चाकसू। आगामी 19 फरवरी को कोटखावदा मे आयोजित होने वाली किसान महापंचायत मे भीड जुटाने के लिये चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी कार्यकर्ताओ के साथ गावो मे पीले चावल बांट रहे हैं । इस दौरान विधायक की कार्यशेली से असन्तुष्ट ग्रामीणो ने विधायक के सामने ही सोलंकी मुर्दाबाद के नारे लगा दिये। बुधवार को देहलाला मोड़ पर यह नजारा देखने को मिला। अपने खिलाफ मुर्दाबाद के नारे व अपशब्दो को सुनकर माहोल बिगड़ता देख विधायक अचानक हक्के बक्के रह गये। माहौल ओर ज्यादा बिगड़ता इससे पूर्व ही मौजुद कार्यकर्ताओ ने अक्रोशीत ग्रामीणो से समझाईश कर उन्हे शान्त किया। आक्रोशीत लोगो का कहना था कि जब ओलावृष्टि हुई तो विधायक नही आया, गाव मे बिजली नही आती, किसानो का कर्ज माफ नही हुआ लेकिन विधायक ने तब किसानो की सुध नही ली । अब सचिन पायलट के सामने क्षेत्र मे अपना वर्चस्व दिखाने के लिये किसान महपंचायत के नाम पर भीड जुटाने के लिये पीले चावल बांटकर लोगो को बरगला रहे है । ग्रामीणो के आक्रोश का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होने भरी सभा मे सोलंकी पर अमर्यादित शब्दो की झडी लगा दी। इस पूरे माजरे का वीडियो सोशल मिडिया पर आते ही कॉंग्रेस कार्यकर्ताओ मे भी खलबली मच गई, लेकिन इस पोस्ट को सोशल मिडिया से हटाया जाता इससे पहले ही वीडियो वायरल हो गया। लोगो का कहना है कि चाकसू विधायक के कार्यकाल को दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन विधायक ने जनता को सिवाय आश्वासनो के कुछ नही दिया। विधानसभा क्षेत्र के लोगो से जुडाव की बात करने वाले विधायक केवल मिडिया मे फोटो प्रकाशित करवाने तक ही सिमट कर रह गये हैं ।
विधायक समर्थक बता रहे विपक्ष की करतूत – पूरे मामले मे जब विधायक समर्थको से जानकारी ली गई तो वो मामले को लेकर अंजान बनते नजर आये ओर सन्तोषप्रद जवाब नही दे पाये। सभा के दौरान मौजुद कॉंग्रेस कार्यकर्ताओ ने विपक्ष की करतूत बताते हुए इस मामले मे चुप्पी साध ली।
कुछ दिन पूर्व कॉंग्रेस कार्यकर्ता भी लगा चुके सोलंकी मुर्दाबाद के नारे- विधायक के सामने ही विधायक मुर्दाबाद व उनके खिलाफ कहे गये अपशब्दो का वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने के बाद भले ही अब विधायक समर्थक कुछ भी कहे, लेकिन कुछ दिनो पूर्व कॉंग्रेस के कार्यकर्ता भी सोलंकी मुर्दाबाद के नारे लगा चुके हैं । ऐसे मे यह तो तय है कि समय के साथ स्थनीय राजनीति मे चाहे जितनी उठापटक चले लेकिन विधायक सोलंकी की प्रतिष्ठा समय के साथ क्षेत्र मे कम होती जा रही हैं। इसी का परिणाम है कि आये दिन उनके विरोध के मामले सामने आ रहे है ।