जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और आतंकवादी निरोधक दस्ते के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अनिल पालीवाल ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस एडिशनल एसपी को धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच सौंपी गई थी, वह विभाग का नाम खराब कर देगा। क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के मामलों की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्यपाल मिढ्ढा ने सोसायटी के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों से दो करोड़ रुपए की मांग की और रुपए लेने के लिए एसओजी के उच्चाधिकारियों का नाम लिया गया। परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यपाल मिढ्ढा समेत अन्य के खिलाफ धारा सात-ए, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं आईपीसी की धारा 120 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एसओजी से सत्यपाल मिढ्ढा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें आरएसी 8वीं बटालियन दिल्ली भेजा गया है।
यह है मामला – एक परिवादी ने एसीबी में रिपोर्ट दी कि हमारी एक क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी है। यह सोसायटी अपने सदस्यों से डिपोजिट लेने और ऋण देने का कार्य करती है। सोसायटी के खिलाफ एक शिकायत की जांच एसओजी विष्णु खत्री पुलिस निरीक्षक एवं सत्यपाल मिढ्ढा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की ओर से की जा रही थी। उनकी ओर से जांच समाप्त करने एवं एफआईआर दर्ज नहीं करने की एवज में अपने लिए एवं एसओजी के उच्चाधिकारियों के लिए 2 करोड़ रिश्वत राशि की मांग की। पहली किस्त के रूप में 30 लाख रुपए की मांग की गई। एसीबी ने सत्यापन में सत्यपाल मिढ्ढा का अनिल पालीवाल अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एसओजी के नाम से रिश्वत की राशि की मांग करना पाए जाने पर सत्यपाल और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।