चाकसू में बिना दहेज की यह शादी बनी अनोखी, चारो और हो रही चर्चा

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चाकसू। आज एक ओर आये दिन दहेज के दानवो की करतूत के चलते कई नवविवाहिताओं की जिंदगी तबाह होने की
खबरे आम बात हो गई है वही कस्बे में एक शादी ऐसी हुई जिसकी चर्चा चारो और हो रही है जो दहेज के लालची
लोगो के गाल पर एक तमाचा है। यह शादी दो ऐसे परिवारो के बीच हुई जो सम्पन्न है बावजूद इसके समाज की कुरुति
को ठुकराते हुए वर पक्ष ने खर्चीली शादी और दहेज प्रथा के खिलाफ अच्छा संदेश समाज को दिया है।
दरअसल, चाकसू निवासी जमनलाल बोद्ध पंचायत समिति चाकसू में हैण्डपम्प मिस्त्री है और उनके दो पुत्र व तीन पुत्रियां
है। जमनलाल ने अपने बच्चो को उच्च शिक्षा दिलवाई जिसके चलते उनकी बेटी माया ने डबल एम.ए. की डिग्री हासिल की। माया की शादी जेडीए जयपुर में एक्सन पद से रिटायर्ड प्रज्ञामित्र बोद्ध के बेटे रक्षपाल जो कि मेकेनिकल इंजिनियर में स्नातक व मेरीन इंजिनियरिंग में स्नातक है के साथ 14 जून को सादगीपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई। रक्षपाल के ताऊ बी.एल. नवल भी आईएएस से रिटायर्ड है और अखिल भारतीय रैगर महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। दो सम्पन्न घरानो ने खर्चीली शादी और दहेज प्रथा के खिलाफ अच्छा संदेश समाज को दिया है। इस विवाह से समाज को यह संदेश दिया गया कि खर्चीली शादियां व दहेज की कुप्रथा का अंत हो तथा पैसे को बच्चो की शिक्षा पर खर्च कर उन्हे योग्य बनाया जाये। इसी से समाज में व्याप्त कुरुतियां समाप्त हो पायेगी। इसके साथ ही प्रज्ञामित्र बोद्ध ने अपनी बेटी दीक्षा का विवाह भी रवि बोद्ध जो कि कम्प्यूटर इंजिनियर है के साथ सम्पन्न करवाया। यह विवाह भी बिना दहेज के सम्पन्न हुआ। जमनलाल ने कहा कि कुप्रथा को समाप्त करने की जिम्मेदारी उन लोगो की है जो आर्थिक रूप से संपन्न है। जब आर्थिक रूप से सम्पन्न लोग शादियों में वैभव दिखाते हैं तो समाज के मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों पर यह दबाव होता है कि वे भी शादियों में भव्यता दिखाएं। ऐसे में कई परिवारों को कर्ज लेना पड़ता है। शादी के इस सामान्य रूप के बारे में नवदंपति ने कहा कि वे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ युवाओं को खड़े करने की प्रेरणा देना चाहते हैं।

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