संयुक्त राष्ट्र। विश्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर में 3.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है जो कि 1979 के बाद की सबसे खराब स्थिति होगी। विश्व बैंक ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी के मौजूदा हालात में दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की मंदी के सबसे खराब दौर से गुजर रही है और प्रति व्यक्ति आय में गिरावट के चलते करोड़ों लोग गरीबी का शिकार बन रहे हैं। भारत के संदर्भ में अपने अनुमान में विश्व बैंक ने कहा, वित्तीय और मौद्रिक प्रोत्साहन के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए सख्त कदमों से आर्थिक गतिविधि प्रभावित रहेगी। कमजोर वैश्विक आर्थिक विकास और वित्तीय क्षेत्र में तुलन पत्र पर दबाव का असर आर्थिक गतिविधियों पर रहेगा।
विश्व बैंक ने जनवरी में भारत को दुनिया के सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बताते हुए इसकी विकास दर 2019.20 और 2020.21 में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था, लेकिन हालिया रिपोर्ट में बैंक का नजरिया भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर नकारात्मक है। पिछले ही महीने संयुक्त राष्ट्र ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 1.2 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था।