जयपुर। पंचायती राज संस्थाओं की बैठकों और कार्यालयी कामकाज में महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति और रिश्तेदारों की दखलंदाजी पर सरकार ने सख्त रुख दिखाया है। यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो संबंधित महिला पदाधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंचायत राज विभाग ने मंगलवार को सभी जिला कलक्टरों, जिला परिषद सीईओ और विकास अधिकारियों को ऐसे मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। निर्देशों में 26 फरवरी 2010 के आदेश का हवाला देते हुए उन अधिकारी, कर्मचारियों पर भी कार्रवाई का आदेश दिया गया है, जो ऐसे कार्यों में महिला जनप्रतिनिधि के रिश्तेदारों का सहयोग करते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि सरकार की ध्यान में यह बात आई है कि पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, निकट संबंधी, रिश्तेदारों या अन्य व्यक्तियों की ओर से कार्यालय कार्य, बैठक आदि में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेत किया जा रहा है। यह कर्तव्य निर्वहन में असमर्थता व दुराचरण की श्रेणी में आता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि उनके क्षेत्राधिकार में कहीं ऐसा हो तो संबंधित जनप्रतिनिधि और सहयोग करने वाले अधिकारी—कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित कर इसकी जानकारी सरकार को दें।