जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नही करा पाता है तो निजी स्कूल ऐसे विद्यार्थी का नाम नही काटें। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर
सकती है। गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विधार्थियो को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते है ताकि विद्यालयों का संचालन भी प्रभावित ना हो। गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयो पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानवता के समक्ष यह ऐसा संकट है जिसका हम सभी को मिलकर सामना करना है। ऐसे वक्त में एक-दूसरे का ध्यान रखकर ही हम इस मुश्किल वक्त का मुकाबला कर सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप
फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओ में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियो का अहित न हो। इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओ का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा। गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चो को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नही है। ऐसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।