सेटेलाइट हॉस्पिटल चाकसू बना मयखाना, डॉक्टर हॉस्पिटल में दवा देने नही, आते हैं दारू पीने

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चाकसू। आप अगर बीमारी के इलाज के लिए चाकसू सेटेलाइट हॉस्पिटल जाने की सोच रहे हैं तो ठहरिए। सेटेलाइट हॉस्पिटल का बोर्ड देखकर आप सोचेंगे कि यहाँ आपको मर्ज का इलाज मिलेगा लेकिन ऐसा नही है यहाँ आपको डॉक्टरों का मयखाना नजर आएगा ओर नजर आएगी डॉक्टर की गाड़ी में रखी शराब और सलाद। गलती से अगर डॉक्टर तक पहुँच गए तो आपको लड़खड़ाता डॉक्टर मिलेगा जो आपको कहेगा कि वो आपका बेहतर इलाज करने को तैयार है। अब आप उसके इलाज से बच गए तो अपने आप को खुशनसीब मानना। वैसे धरती का भगवान कहलाने वाले डॉक्टर को आपकी जिंदगी से कोई सरोकार नही है। सेटेलाइट हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर अशोक कनोडिया रात की ड्यूटी के दौरान मरीजो का नही अपनी शराब का ख्याल रखते हैं जिसके चलते वह इमरजेंसी में कम और अपनी गाड़ी के आसपास ज्यादा नजर आते हैं। खबर मुद्दे की समाचार पत्र ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में नशेड़ी डॉक्टर की करतूत को बेनकाब कर दिया। लॉक डाउन के चलते जहाँ राज्य में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है ओर शराब की दुकाने बंद है, ऐसे में डॉक्टर के पास शराब मिलना प्रशासन की सजकता की भी पोल खोलने के लिए काफी है। जब नशेेेड़ी डॉक्टर से इस मामले में बात की गई तो नशेड़ी डॉक्टर लड़खड़ाता हुआ हमे ही ड्यूटी का तरीका समझाता नजर आया। कोरोना महामारी में एक ओर जहाँ आम आदमी के लिये मास्क लगाना जरूरी है वही नशे में धुत्त डॉक्टर को किसी भी गाईड लाइन से कोई सरोकार नजर नही आया। जब डॉक्टर को उसकी हरकत से अवगत करवाना चाहा तो डॉक्टर ने बड़ी बेशर्मी से कह दिया कि मेरा ट्रांसफर हो जाएगा तो मै दूसरी जगह ड्यूटी कर लूंगा, इससे ज्यादा कोई कुछ नही कर सकता, लेकिन मेरी पर्सनल लाइफ में कोई कुछ नही कर सकता। शराब के नशे में ड्यूटी करने की बात पर डॉक्टर बगले झांकने लगा और बात को घूमाते हुए घर से शराब पीकर आने की बात कही। जबकि डॉक्टर की गाड़ी में रखी शराब और सलाद सच्चाई को उजागर करने के लिए काफी है। चिकित्सा महकमे में ऐसे नशेड़ी डॉक्टर अगर सेवा देने लगे तो आम आदमी को क्या इलाज मिलेगा ये आप सोच सकते हैं। चिकित्सा महकमे में अपनी रसूख के चलते ऐसे नशेड़ी डॉक्टर कार्रवाई से भी नही घबराते और संबंधित विभाग के मंत्री शिकायत पर ट्रांसफर की कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर ऐसे नशेड़ी डॉक्टर जहाँ भी जाते हैं मरीजो की जान से खिलवाड़ करते नजर आते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

डॉ. शंकरलाल प्रजापत (प्रभारी) – इस मामले में हॉस्पिटल प्रभारी डॉ. शंकरलाल प्रजापत का कहना है कि ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नही है। अगर ड्यूटी के दौरान डॉक्टर शराब पीता हुआ पाया गया है तो संबंधित उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करवाया जाएगा।

ओमप्रकाश सहारण (उपखंड अधिकारी) –  वही उपखंड अधिकारी ओर कोविड – 19 प्रभारी ओमप्रकाश सहारण को मामले से अवगत करवाया गया तो उन्होंने जाँच करवाने का आस्वाशन दिया।

डॉ. सुरेश भंडारी (जॉइंट डायरेक्टर) – पूरे मामले में चिकित्सा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. सुरेश भंडारी का कहना है की मामला बडा गंभीर है और इस पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा।

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