इटावा। कोरोना महामारी के चलते एक ओर देश में आम आदमी अपनी गृहस्थी चलाने के लिए दैनिक मजदूरी के लिए परेशान है तो वही कुछ सरकारी नुमाइन्दे इस आपदा की घडी में भी अपना रुबाब दिखाते हुए जेब भरने से बाज नही आ रहे है। इटावा की इस खबर ने खाकी की पोल खोल कर रख दी है। एसएसपी आकाश तोमर ने आपदा की घडी में भ्रष्टाचार और लापरवाही करते रंगे हाथो पकडे गये पांच कर्मचारियों को सस्पेड कर दिया है और उनके खिलाफ जांच शुरु कर दी गई है। इस खेल में तीन थानेदार (सब-इंस्पेक्टर) एक हवलदार और एक सिपाही शामिल है। एसएसपी इटावा के मुताबिक आरोपी पुलिसकर्मियों में सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह (थाना बकेवर), सब-इंस्पेक्टर गंगासागर (थाना चौबिया), सब-इंस्पेक्टर मो. शकील (थाना कोतवाली), ट्रैफिक हवलदार प्रमोद कुमार और पुलिस लाइन में पहले से लाइन-हाजिर चल रहा सिपाही उदय सिंह है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने कहा, दारोगा संजय सिंह अपने इलाके में अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह विफल पाया गया। जबकि सब-इंस्पेक्टर गंगा सागर को एक जांच सौंपी गयी थी, उसने उस जांच को कानूनी और प्रभावी तरीके से अंजाम नहीं दिया था। इसलिए फिलहाल दोनो को सस्पेड कर दिया गया है। मोहम्मद शकील सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह और सब इंस्पेक्टर गंगा सागर से चार कदम आगे निकले मिले। आरोपी थानेदार शकील ने लॉकडाउन के दौरान तंबाकू इत्यादि नशीले पदार्थो के भंडार पर छापा मारा। इस दौरान छापे में जो मादक पदार्थ बरामद किया उसकी कागजो में पूरी मात्रा नही बताई गई। जिस पर उसे सस्पेड कर जांच शुरु कर दी गई है। वही ट्रैफिक हवलदार प्रमोद कुमार खुलेआम सरेराह आ जा रहे वाहनों, ट्रक के चालकों से वसूली करने में व्यस्त पाया गया। जिसे सस्पेंड कर दिया गया है। इन सबमें ज्यादा खतरनाक काम करता मिला पहले से ही लाइन-हाजिरी की ड्यूटी कर रहा सिपाही उदय सिंह। सिपाही उदय सिंह इटावा जिला पुलिस लाइन के अंदर कुछ सिविलियंस के साथ बैठकर ताश खेलता पकड़ा गया। इसे भी सस्पेंड करके इसके खिलाफ जांच शुरू करा दी गयी है।