चाकसू सेटेलाइट अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नही, पुलिसकर्मी बैठे बैठे तोड रहे कुर्सी

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चाकसू। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि आमजन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें व कराये लेकिन चाकसू के सेटेलाइट अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। ओपीडी में मरीज एक दूसरे से सटकर खड़े रहते हैं। सरकारी अस्पताल में मरीज की लापरवाही के चलते यहां कोरोना पांव पसार सकता है। दरअसल, सरकारी अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन सैकड़ो मरीज चिकित्सीय परामर्श के लिए आते हैं। ओपीडी पंजीकरण के बाद मरीज संबंधित डाक्टर को दिखाने के लिए कक्ष के बाहर एक दूसरे से सटकर खड़े होते हैं व अपनी बारी का इंतजार करते हैं। ऐसे में मरीज कई बार डॉक्टर्स को चारो ओर से घेर लेते है, जिसके चलते इस संकट की घडी में कोरोना योद्धा बने डॉक्टरों का स्वास्थ्य बिगडने व उनमें संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है और संक्रमण से बचाव सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग से है। लेकिन सरकारी अस्पताल में डाक्टर कक्ष के बाहर और अन्दर मरीज सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर नहीं है। वह एक दूसरे से सटकर खड़े रहते हैं। जिससे कोरोना वायरस का तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है। यहॉ आपको बता दे कि हॉस्पिटल में ओपीडी के दौरान दो पुलिसकर्मियों की नियुक्ति प्रशासन द्वारा की गई है ताकि व्यवस्था बनी रहे और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके। लेकिन बडी बात यह है कि यह पुलिसकर्मी व्यवस्था संभालने की बजाय छाया में कुर्सी लगाकर आराम फरमाते नजर आते है। ऐसा लगता है जैसे हॉस्पिटल के अन्दर होने वाली अव्यवस्थाओं से इन्हे कोई लेना देना नही है। एक ओर पुलिस कोरोना यौद्धा बन 24 घंटे मुश्तैदी से अपना फर्ज निभा रही है वही दूसरी ओर कुछ ऐसे कर्मचारियो की लापरवाही की वजह से कभी भी संकट खडा हो सकता है।

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