आखिर क्यों जयपुर की यह पुलिया बन गई खूनी पुलिया

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जयपुर (चाकसू)। जयपुर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शीलकी डूंगरी गांव में एक पुलिया इन दिनों खूनी पुलिया के नाम से पहचानी जा रही है। इसकी वजह भी बिल्कुल सही है क्योंकि महज 25 दिन में इस पुलिया ने दो अलग अलग हादसों में चार लोगों की सांसें छीन ली है और मरने वालों के परिवार की खुशियां भी। अब तीसरी घटना का ताजा मामला सामने आया है, जिसमे दो बाइक सवार इस खूनी पुलिया के मुंह से बमुश्किल बच पाए है। बता दे कि इस पुलिया पर पहला हादसा 17 सितम्बर को हुआ था जिसमे मिनी बस की टक्कर से मैक्स जीप पुलिया के नीचे जा गिरी थी और उसमें सवार 3 लोगो की पानी मे डूबने से मौत हो गयी थी। वही दूसरा हादसा 7 अक्टूबर को हुआ जिसमें एक बाइक सवार पुलिया से नीचे गिर गया और उसकी मौत भी पानी मे डूबने से हो गई। अब ताजा मामले में सामने आया है कि मानपुर डूंगरी के रहने वाले लादूराम बेरवा व छोटू रेगर बाइक पर सवार होकर जयपुर से चाकसू की ओर घर के लिए आ रहे थे तभी दोनों बाइक सहित इस पुलिया के नीचे जा गिरे। 25 फ़ीट गहरी खाई में जब वो गिरे तो पानी मे धमाके की आवाज सुन राहगीर इक्कठे हो गए। गनीमत रही की दोनों बाइक सवार तैरना जानते थे और ऐसे में तैरकर अपनी जान बचा ली।
एक ही जगह ओर एक ही समय पर हो रही घटना :
17 सितम्बर, 7 अक्टूबर व 12 अक्टूबर को हुए तीनो हादसों का समय शाम को करीब 7 बजे के आस -पास का है, जिसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। एक के बाद एक हादसे की खबर पूरे क्षेत्र में फेल रही है ऐसे में अब लोगो मे पुलिया को लेकर दहशत फैलने लगी है ओर लोग इस जगह किसी अदृश्य शक्ति की मौजूदगी की बाते करने लगे है जो इन हादसों को अंजाम दे रही है। लोग अपने परिचितों को इस पुलिया से संभलकर गुजरने की नसीहत दे रहे है ताकि कोई अनहोनी ना हो जाये। लोगो ने इस पुलिया का नाम खूनी पुलिया रख दिया है।
प्रशासन की अनदेखी पर अफवाह पड़ रही भारी :
लगातार हुए हादसो के बाद टुटी पुलिया की रेलिंग की मरम्मत, संकेत बोर्ड, घने बबूलों को कटवाने की मांग 2 दिन पूर्व सर्व समाज के लोगो द्वारा प्रशासन से की जा चुकी है लेकिन अभी तक इस ओर प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नही हुई जिसके चलते हादसे रुकने का नाम नही ले रहे है। लोगो का कहना है कि पुलिया की चौड़ाई बढ़ाने और मरम्मत के काम पर प्रशासन ध्यान दे ताकि अफवाहों पर समय रहते अंकुश लग सके क्योकि हादसे ओर अफवाहे रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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