जयपुर(चाकसू)। कस्बे के विकास की बात करने वाली नगर पालिका आज खुद अपनी बेहाली और बदइन्तजामी पर आंसू बहा रही हैै, लेकिन अफसोस इस बात का है कि काम करने वाले कर्मचारियों और परिसर में आने वाले लोगो की जान पर बनी होने के बावजूद जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नही है। एक ओर नगर पालिका प्रषासन कस्बे में करोडो रुपये के विकास कार्य करवाने का दावा कर रहा है, स्वच्छ भारत अभियान के तहत अव्वल दर्जा प्राप्त करने के प्रयास में लाखों रुपये प्रचार प्रसार पर खर्च कर रहा है वही दूसरी ओर परिसर में ही स्वच्छता के प्रति उदासीनता की तस्वीरे खुले आम देखी जा सकती है। वर्तमान में पालिका परिसर में जाना और वहॉ किसी कमरे में बैठना अपनी जान जोखिम में डालना है। गौरतलब है कि पालिका परिसर के सामने गौरव पथ का निर्माण किया गया है जिसके चलते पालिका परिसर का प्रवेष द्वार सड़क से करीब छह फीट नीचे चला गया है इसके साथ ही गौरव पथ व पालिका प्रवेष द्वार के रेम्प के बीच करीब दो फीट का अन्तर है जो परिसर में आने जाने वालो के लिए जोखिम बना हुआ है। आलम यह है कि बुजुर्ग और विकलांग व्यक्ति प्रवेष द्वार की दुर्दषा देखकर बिना अपना काम करवायें वापस लौटने को मजबूर हो जाते है। अब अगर कोई व्यक्ति प्रवेष द्वार की बाधा को पार कर पालिका परिसर में प्रवेष करता है तो बरामदे व कमरों में जाते ही उसका माथा ठनक जाता है। कई कमरों में छत की पट्टियों के बीच लगा चूना व प्लास्टर गिरने लगा है जिसके चलते चोटिल होने की संभावना बनी रहती है। आलम यह है कि कमरे में रखी फाईलों और फोन पर चूने की परत जमी हुई है, पालिका में कार्यरत कर्मचारी भी मजबूरी में ही डरे सहमे अपनी सीट पर आकर बैठते है वरना उनकी सीट खाली ही नजर आती है, क्योकि कई बार यह चूना उन पर गिर चुका है और वह गंभीर चोटिल होते-होते बचे है। पालिका परिसर में स्वच्छता की बात करे तो शौचालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। महिला शौचालय में कहने को पानी का नल लगा हुआ है लेकिन विगत कई दिनों से उसमें पानी नही आ रहा है, इस बात से अंजान अगर कोई महिला कर्मचारी या बाहर से आई महिला शौचालय में चली जाये तो पानी के अभाव में उसे शर्मसार होना पडता है। ऐसे ही हालात पुरुष शौचालय के है, शौचालय के बाहर हाथ धोने के लिए दो जगह टूटिया लगी हुई है लेकिन उनसे पानी की एक बूंद भी नही टपकती है। पालिका परिसर में शौचालय के पास ही रखी पानी की खुली टंकी के पैंदे में थोडा पानी व कचरा भरा हुआ है जिसमें मच्छर पनप रहे है वही पालिका सभागार के पास गहरा खड्डा बना हुआ है जिसमें मच्छर तैरते आसानी से देखे जा सकते है। इस मामले में जब पालिका अधिषाषी अधिकारी महिमा डांगी से बात की गई तो उन्होने बताया कि नगर पालिका भवन जर्जर हो चुका है, ऐसे में यह बात सही है कि कर्मचारियों व पालिका में आने जाने वालो पर खतरा मंडराता रहता है, लेकिन नये भवन के निर्माण के लिए बडी राशि की आवश्यकता है जिसमें बोर्ड की सहमती जरुरी है। मेरी जानकारी में यह भी आया है कि पूर्व बोर्ड के अन्दर नये भवन का प्रस्ताव आया था लेकिन शायद अधिक बजट की वजह से वह खारिज हो गया। जल्द ही इस समस्या पर सभी की सहमती लेकर उचित निर्णय लिया जायेगा और समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जायेगा। मुख्य द्वार पर क्षतिग्रस्त रेम्प को ठीक नही करवाने की वजह यह है कि अभी गौरव पथ की चौडाई मुख्य द्वार की तरफ और बढ़ेगी जिसके चलते यह वापस क्षतिग्रस्त होगा। इसलिए गौरव पथ का कार्य पूर्ण होने का इंतजार है। वही शौचालय की अव्यवस्थाओं के सवाल का जवाब देते हुए डांगी ने बताया कि इसकी जानकारी मुझे नही है, अगर शौचालयों में पानी की समस्या है तो उसे जल्द ही ठीक करवा दिया जायेगा।