जयपुर। राजस्थान की पंचायती राज व्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के निराकरण हेतु सरपंच संघ राजस्थान लम्बे समय से संघर्षरत है और पूर्व में समय-समय पर विभिन्न मांग पत्रों, प्रेस वार्ताओं और सरपंच एवं पंचायती राज प्रतिनिधि सम्मेलनों के माध्यम से भाजपानीत वर्तमान राज्य सरकार को इन समस्याओं को दूर करने की मांग की हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ के समक्ष कई बार निवेदन के बावजूद इन समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सरकार की इस हठधर्मिता के चलते इस सरकार के शासन का साढे चार साल से अधिक समय बीत गया लेकिन जनसुधार की नीतियों की तरफ वर्तमान सरकार की अनदेखी आज भी बरकरार है। इसी कड़ी में रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश सचिव हेमराज शर्मा, कोषाध्यक्ष बंशीधर गढवाल, प्रदेश सह सचिव सुमन मीणा एवं रामगोपाल गीला ने 4 सितम्बर 2018 को होने जा रहे सरपंच एवं पंचायतीराज प्रतिनिधि सम्मेलन की विस्तार से जानकारी दी। सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश सचिव हेमराज शर्मा ने बताया कि राजस्थान में पंचायतीराज व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के मद्देनजर सरपंच संघ राजस्थान की ओर से अपने मांग पत्र व पंचायत समितियों के विकास एवं जनोत्थान के कार्यों के लिए संघर्ष वर्तमान में भी जारी है। इसी कड़ी में राजस्थान के समस्त सरपंचों एवं पंचायतीराज प्रतिनिधियों का विशाल सम्मेलन दिनांक 4 सितम्बर 2018 को मानसरोवर स्थित चतुर्वेदी फार्म में आयोजित किया जाएगा। सुबह 11 बजे से प्रारम्भ होने वाले इस सरपंच एवं पंचायतीराज प्रतिनिधि सम्मेलन में राज्य भर से करीब 20 हजार प्रतिनिधि शामिल होंगे। वर्तमान भाजपानीत सरकार से इन प्रनिनिधियों को कोई आषा नहीं है, इसलिए वे सब कांग्रेस पार्टी की ओर आषान्वित दृष्टि से देख रहे हैं। हेमराज शर्मा ने बताया कि आगामी चुनावों के बाद बनने वाली सरकार हमारी समस्याओं का पूर्ण निराकरण करे। इसलिए हम कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में अपनी मांगों को शामिल कराने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं। आगामी सरपंच एवं पंचायतीराज प्रतिनिधि सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डॉ. सी.पी. जोशी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलेट एवं एआईसीसी महासचिव विवेक बंसल तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी शामिल होंगे। इस दौरान कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में सरपंच संघ राजस्थान की प्रमुख मांगें शामिल करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।