नई दिल्ली। छठी सीड भारत के लक्ष्य सेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप सीड थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को रविवार को लगातार गेमों में 21-19, 21-18 से शिकस्त देकर इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल में दूसरी सीड ली शीफेंग को मात दी थी और फाइनल में उन्होंने शीर्ष वरीय खिलाड़ी को 46 मिनट में हरा दिया। लक्ष्य की इस उपलब्धि के लिए भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने उन्हें 10 लाख रुपए पुरस्कार राशि की घोषणा की है।उत्तराखंड के 18 साल के लक्ष्य 1965 में गौतम ठक्कर के स्वर्ण जीतने के 53 साल बाद स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए। प्रतिभावान खिलाड़ी लक्ष्य इसी के साथ ही इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले भारतीय खिलाडिय़ों गौतम ठक्कर (स्वर्ण-1965), प्रणव चोपड़ा/प्राजक्ता सावंत (कांस्य-2009), समीर वर्मा (रजत-2011) और पी.वी. सिंधू (कांस्य-2011) और (स्वर्ण-2012), समीर वर्मा (कांस्य)2012 की श्रेणी में शामिल हो गए।लक्ष्य का अपने करियर में थाईलैंड के खिलाड़ी से पहली बार मुकाबला था और उन्होंने नजदीकी मुकाबले में जीत हासिल कर अपने पदक का रंग बदल दिया। इससे पहले उन्होंने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। भारतीय खिलाड़ी मौजूदा विश्व रैंकिंग में 76वें और थाई खिलाड़ी 188वें स्थान पर हैं। पदक समारोह के बाद लक्ष्य ने कहा कि दूसरी सीड के चीनी खिलाड़ी के खिलाफ मिली जीत से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। इसी आत्मविश्वास के साथ मैं फाइनल मैच में उतरा और अपना सामान्य खेल खेला। हम दोनों का सामना पहली बार हो रहा था और इसी कारण मैंने यह मैच बिना किसी दबाव के खेला। इस बीच बाई के अध्यक्ष हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लक्ष्य ने देश को गौरवांन्वित किया है।