जयपुर (प्रागपुरा)। प्रागपुरा थाना अन्तर्गत 22 नवम्बर की रात हुई दो युवको की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 5 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक हनी टेप के शिकार हुए थे। जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. रामेश्वर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए बताया कि 22 नवम्बर की रात अज्ञात बदमाशों द्वारा दो युवको की हत्या कर दी गई थी। हत्यारो तक पहुॅचने के लिए कोटपूतली वृताधिकारी महमूद खॉन के निर्देशन में प्रागपुरा थानाधिकारी डॉ. सुरेश यादव के नेतृत्व में रामेश्वर सिंह, राजेन्द्र स्वामी, रामकरण, महेन्द्र यादव, कर्णसिंह को शामिल करते हुए एक टीम बनाई गई। टीम ने भरपूर प्रयास कर हत्या के लिए उपयोग में लिये गये वाहन को चिन्हित कर थार जीप को बरामद किया। साईबर सेल जयपुर ग्रामीण सहित करीब 40 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की विशेष टीम ने करीब बीस हजार कॉल डिटेल व बी.टी.एस. की जांच कर हत्यारो को चिन्हित किया और उनकी लोकेशन की जानकारी ली। इसके बाद मुख्य आरोपी मामराज गुर्जर पुत्र भोलाराम गुर्जर उम्र 30 साल निवासी टोडी की ढ़ाणी तह. मनोहरपुर जिला जयपुर को राउण्डअप कर गहनता से पूछताछ की गई। पूछताछ में मामराज ने बताया कि वह अपने साथी व रिश्तेदार दुलीचन्द के साथ करीब 6 माह से सुरेश गुर्जर जो कि उसका चचेरा भाई था की हत्या की योजना बना रहा था। इस योजना में उसने अपने पिकअप मालिक सुरेन्द्र यादव व उसकी पत्नि कृष्णा देवी को भी शामिल कर लिया। कृष्णा देवी ने 10 नवम्बर से मृतक सुरेश को फोन करना शुरु कर दिया और उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। 22 नवम्बर को कष्णा ने सुरेश को मिलने के लिये रिलाईंस पेट्रोल पम्प लाडाकाबास के पिछे घर होने का बहाना बनाकर बुलाया। इसी दौरान सुरेश का दोस्त इन्द्राज जाट भी महिला से मिलने की लालसा में मौके पर पहुॅच गया। दोनो जब बुलाई गई जगह पहुॅच गये तो कृष्णा ने इसकी सूचना मामराज को दी। इस पर मामराज थार जीप लेकर अपने साथी लच्छु गुर्जर के साथ दोनो मृतको का पीछा करने के लिए तुलसीपुरा रोड पर खडा हो गया। वही बोलेरो गाडी में सुरेन्द्र यादव, दुलीचन्द गुर्जर उर्फ दुलाराम व भैरु यादव तैनात हो गये। इस दौरान सुरेश लगातार कृष्णा से फोन पर उसके घर की लोकेशन लेता रहा, लेकिन इन्द्राज के साथ होने के चलते कृष्णा समय को निकाले जा रही थी, वह इन्द्राज से नही मिलने की बात कह रही थी, वही सुरेश इन्द्राज के कंवारे होने की बात कहते हुए उससे भी मिलाने की जिद कर रहा था। कृष्णा के समझाने पर भी जब सुरेश इन्द्राज से मिलाने की जिद पर अडा रहा तो मामराज व दुलीचन्द ने दोनो को मौत के घाट उतारने का फैसला कर लिया। कृष्णा एक फोन से सुरेश गुर्जर के सम्पर्क में रही और दूसरे फोन से उनकी सटीक लोकेशन मामराज को देती रही। इसी दौरान मामराज ने मौका पाकर थार जीप को तेज गति में दौडाकर दोनो को पीछे से टक्कर मार दी जिससे सुरेश सर्विस लेन की साइड में गहरे खेत में जा गिरा और इन्द्राज जाट सड़क के बीचो-बीच मारा गया। उधर सुरेन्द्र यादव ने बोलेरो गाडी इन्द्राज जाट पर सुरेश गुर्जर समझ कर चढा दी। इसके बाद इसी गलतफहमी में मामराज ने अपनी थार को इन्द्राज जाट पर वापस चढ़ा दी। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने वारदात का पर्दाफाश करते हुए मामराज गुर्जर, दुलीचन्द गुर्जर उर्फ दुलाराम, सुरेन्द्र यादव, कृष्णा देवी व भैरु यादव को गिरफ्तार कर लिया है और वारदात में काम ली गई थार जीप व मोबाईल को जप्त कर आगे की कार्यवाही शुरु कर दी है।
ये रहा हत्या का कारण:- जानकारी में सामने आया कि मामराज गुर्जर व सुरेश गुर्जर दोनो आपस में चचेरे भाई है। पैतृक जमीन को लेकर इनमें कई वर्षो से विवाद चल रहा है। इसी विवाद के चलते मामराज ने सुरेश के पिता की हत्या कर दी थी और जेल चला गया था। इस दौरान मामराज के जीजा कालूराम ने मामराज की सहायता की और उसकी जमानत करवाई जिससे सुरेश मामराज व कालूराम से रंजिश रखने लगा। इसी रंजिश के चलते सुरेश ने कालूराम गुर्जर निवासी सुन्दरकाबास थाना चन्दवाजी की 2015 में जीप पर ट्रेलर चढ़ा कर जीप में सवार 9 लोगो सहित हत्या कर दी। इस घटना के बाद मामराज ने कालूराम के बडे भाई दुलाराम के साथ मिलकर सुरेश की हत्या की योजना बनाई और वारदात को अंजाम दे डाला।