स्वच्छता अभियान बना खानापूर्ति, धार्मिक स्थल, जलाषयो को पालिका प्रषासन ने बनाया कचरा डिपो

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जयपुर (चाकसू)। दीपावली के अब महज कुछ ही दिन बचे है ऐसे में हर कोई अपने आस-पास व घरो मेें सफाई करने में व्यस्त है, इसी दरमियान मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के 3 साल पूरे होने के मौके पर स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम की शुरुआत 15 सितम्बर को की गई। 2 अक्टूबर को कार्यक्रम का समापन होने जा रहा है और इस दिन गांधी जयन्ति होने के कारण इसे स्वच्छ भारत दिवस के रुप में मनाया जायेगा। इन सब के बावजूद चाकसू पालिका प्रषासन सरकार के स्वच्छ भारत के सपने पर पलीता लगाने में जुटा हुआ है। नगर पालिका प्रषासन द्वारा एक ओर जहॉ लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरुक किया जा रहा है वही दूसरी ओर पालिका प्रषासन खुद ही कस्बे की सूरत बिगाडने व गंदगी के ढेर लगाने पर आमादा है। पालिका प्रषासन द्वारा कस्बे को साफ-सुथरा रखने के लिए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था की गई है और दुकानदारो द्वारा कचरा पात्र नही रखने पर उनके चालान काटे जा रहे है, लेकिन कस्बे से इकट्ठा किये गये कचरे को नष्ट करने की सुविधा नगर पालिका के पास नही है और ना ही कचरा डिपो के लिए कोई जगह चिन्हित है। ऐसे हालातो में पालिका द्वारा कचरे को धार्मिक स्थल के नजदीक व जलाषयों की पाल पर डाला जा रहा है, जिसके चलते वहॉ गंदगी के ढेर का अंबार लग गया है। वर्तमान में पालिका द्वारा वार्ड नं. 12 स्थित जोगाबाडी तालाब के नजदीक कचरा निस्तारित किया जा रहा है। इसी स्थान पर भौमिया जी महाराज का धार्मिक स्थल भी मौजूद है। धार्मिक स्थल व मुख्य जलाषय के साथ ही दषहरा मैदान तक जाने का यह मुख्य रास्ता है जहॉ हजारो की तादात में लोग मेला देखने जाते है। इस स्थान पर पालिका द्वारा डाले जा रहे कचरे से स्थानीय लोगो में आक्रोष है। वही दूसरी ओर कस्बे में बने बडे नालो की सुध लेने वाला भी कोई नही है। गौरतलब है कि कस्बे में 4 बडे नाले बने हुए है जिनमें से एक नाला मुख्य जलाषय से जुडा हुआ है, बारिष के समय में इनका पानी मनोहरा तालाब में पहुॅचता है, अन्य तीन नालो को कस्बे से बाहर नदी से जोडा गया है। बावजूद इसके इनकी सफाई की पालिका द्वारा कोई व्यवस्था नही है। सफाई के अभाव में यह नाले लोगो के लिए बीमारी का कारण बने हुए है। लोगो का कहना है कि प्रषासन की इच्छा शक्ति के अभाव में प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत का सपना संबंधित विभाग के कागजो में सिमटता जा रहा है। नालो की सफाई करने वाले ठेकेदार व कर्मचारी सिर्फ मामूली सफाई कर खानापूर्ति कर देते है, और समस्या जस की तस बनी रहती है। आम आदमी जहॉ अपने आस-पास की सफाई के प्रति जागरुक हो रहा है वही प्रषासनिक व्यवस्था लचर बनी हुई है। ऐसे हालात तब है जब हाल ही चाकसू एडीएम सुनील भाटी द्वारा स्वच्छता अभियान की पालना के तहत दौरा किया गया और क्षेत्र की अव्यवस्थाओं पर उनकी भी नजर नही गई। इससे जाहिर होता है कि जब कोई उच्च अधिकारी क्षेत्र के दौरे पर आता है तो प्रषासन द्वारा केवल व्यवस्थित स्थानो का ही सर्वे करवाया जाता है, जिससे क्षेत्र की समस्याओं पर उच्च अधिकारियों का ध्यान नही जा पाता। इस मामले में जब एडीएम सुनील भाटी से दूरभाष पर बात करनी चाही तो उनका मोबाईल बंद मिला।
1. केदार शर्मा (पूर्व पार्षद):- धार्मिक स्थल और जलाषयो के नजदीक पालिका प्रषासन द्वारा कचरा डाला जा रहा है यह गलत है। केन्द्र व राज्य सरकार का जो स्वच्छ भारत का सपना है उस पर पालिका प्रषासन बट्टा लगा रहा है। स्थानीय प्रषासन द्वारा कागजी कार्यवाही कर अभियानों की खानापूर्ति कर दी जाती है। जब कभी उच्चाधिकारियों को ऐसे मामलो की षिकायत की जाती है तो स्थानीय विभाग द्वारा वहॉ झूठी सूचना प्रेषित कर मुद्दे को दबा दिया जाता है।
2. रामरतन शर्मा (पार्षद):- पालिका द्वारा जहॉ कचरा डाला जा रहा है वह गलत है, कचरा डिपो कस्बे से बाहर होना चाहिए और इसको नष्ट करने की व्यवस्था पालिका को करनी चाहिए। जहॉ तक बडे नालो की बात है तो इन नालो की ना तो बारिष से पहले सफाई होती है और ना ही स्वच्छता अभियानो में। पालिका प्रषासन स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही पूरी करता नजर आता है।
3. राजेन्द्र गोस्वामी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नगर भाजपा):- नगर पालिका द्वारा जो डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की सुविधा चालू की गई है वह कारगर साबित नही हो पा रही है। कचरा संग्रहण वाहन सभी जगह नही पहुॅच पा रहे है, ऐसे में पालिका को साधन बढाने चाहिए। जो कचरा उठाया जा रहा है उसको नष्ट करने के लिए संसाधन पालिका के पास होने चाहिए ताकि धार्मिक स्थल व जलाषय के नजदीक इसे नही डालना पडे। जहॉ तक बडे नालो की सफाई की बात है तो वार्ड नं. 12, 13, 14 व 15 से गुजरने वाले नाले की सफाई मेरी जानकारी अनुसार विगत 4 साल से नही हुई है, ऐसे में यह नाला स्थानीय लोगो को बिमारी परोस रहा है। जब भी इनकी सफाई को लेकर षिकायत की जाती है तो सिवाय आष्वासनो के कुछ नही मिलता है।
4. पवन सांवरिया (पार्षद):- जलाषय और धार्मिक स्थल होने के बावजूद पालिका द्वारा मेरे वार्ड क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा है, इसकी षिकायत पूर्व में कई बार मेरे द्वारा की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही। जब भी नया अधिकारी आता है उसे मौका दिखाया जाता है लेकिन उसके बाद सिर्फ आष्वासन ही मिलते रहते है और वो चले जाते है। कचरा निस्तारण की जो सूचना उच्चाधिकारियों को दी जा रही है मेरे को लगता है वह भी गलत दी जा रही है। जहॉ तक नालो की सफाई की बात है तो पालिका द्वारा साल में तीन बार सफाई करवाने की जानकारी है लेकिन अभी एक बार भी नही हो पा रही है।
5. अब्दुल हमीद खोखर (पूर्व चेयरमैन) :- नगर पालिका द्वारा धार्मिक स्थल व जलाषय के पास कचरा डाला जा रहा है तो यह बिल्कुल गलत है। इस काम में अगर कोई पालिका कर्मचारी या ठेकेदार लापरवाही कर रहे है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए और अधिकारियों को ऐसे मामलो में चौकन्ना रहकर मॉनिटरिंग करनी चाहिए ताकि सरकार के अभियानो की पालना सुनिष्चित हो सके। कस्बे में जो बडे नाले है उनका निर्माण मेरे कार्यकाल में करवाया गया था, उस समय उनमें कुछ निर्माण बाकी रह गया था। कुछ नालो का पैंदा कच्चा है जिससे सफाईकर्मी को दिक्कते आती है। अब बोर्ड बदल गया है तो बोर्ड को उनकी सफाई के मध्यनजर कार्य पूरा करना चाहिए, ताकि आम लोगो को गन्दे नालो की सडांध से मुक्ति मिल सके और सफाई कर्मचारियों को भी सफाई में दिक्कत ना हो। वही अगर इन नालो की सफाई ठेके पर दी जाती है तो भुगतान से पहले इनकी सफाई का जायजा लिया जाना चाहिए।
6. मुकेष कुमार (अधिषाषी अधिकारी):- धार्मिक स्थल व जलाषय के नजदीक कचरा डाला जा रहा है इसकी मुझे जानकारी नही है। अगर ऐसा हो रहा है तो जल्द ही मौका मुआयना कर इसे बंद किया जायेगा और कचरा डिपो के लिए जमीन आवंटन की मांग की जायेगी। बडे नालो की सफाई की जहॉ तक बात है अगर उनकी सफाई नही हो रही है तो टेण्डर निकाल कर सफाई करवायी जायेगी।
7. अनिता गुर्जर (चेयरमैन):- जलाषय व धार्मिक स्थल के नजदीक कचरा डाला जा रहा है ऐसी बात मेरी जानकारी में नही है। अगर ऐसा हो रहा है तो जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जायेगा। जहॉ तक नालो की सफाई की बात है तो उसमें पालिका कर्मचारियों की उदासीनता देखने को मिली, लेकिन जल्द ही योजना बनाकर इन नालो की सफाई करवायी जायेगी, ताकि स्थानीय जनता को राहत मिल सके।
गंदगी फैलाने वालो पर होगी कार्यवाही: अगर कोई व्यक्ति खुले में, सार्वजनिक जगहो या जलाषयों के नजदीक शौच करता है तो उसे समझाये। अगर वह नही मानता है तो इसकी षिकायत पुलिस में दर्ज करवाये या फिर सम्पर्क पोर्टल पर इसकी षिकायत करें। षिकायत दर्ज होने के बाद पालिका द्वारा दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। (दिनेष वर्मा, कनिष्ठ अभियंता)

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