देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की शुरूआत हो चुकी है। देश के सभी मंदिरों में इसकों लेकर तैयारी की जा रही है। आधी रात को भगवान का जन्म होगा और बधाई बांटी जाएगी। भगवान कृष्ण की पूजा को लेकर लोगों में विशेष तरह का लगाव रहता है और वो है उनके बालरूप की पूजा, बालरूप की पूजा विशेष रूप से करने के लिए लोगों को विशेष सामग्री की आवश्यक्ता होती है और वो क्या होती है हम आपको बताने जा रहे है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को आधी रात में हुआ था इस दिन कृष्ण के बालरूप यानि लड्डूगोपाल की पूजा की जाती है। व्रत रखने वाले इस दिन भगवान हरि की उपासना करते हैं। इस दिन पूरें दिन व्रत रखें और भगवान कृष्ण की पूजा करें। पूजा करते समय कुछ मंत्रों का जाप भी साथ-साथ करते रहें तो अत्यंत शुभ होगा। अर्ध रात्रि में जब श्री कृष्ण की पूजा करें तो उन्हे सबसे पहलें स्नान कराए। इसके बाद अपनी पूजा की थाली में फल, जल और फूल, अक्षत, केसर, तुलसी आदि रखें। भोग स्वरूप माखन और मिशरी भी रखें।