भाजपा सांसद तरुण विजय दक्षिण भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणी कर फंसे

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नई दिल्ली। अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले मामले पर देश के बचाव में पूर्व भाजपा सांसद तरुण विजय ने एक विवादित बयान दे दिया जिसके कारण वे नस्लवाद के आरोपों से घिर गए हैं। सांसद ने कहा कि भारतीयों को नस्लवादी (रेसिस्ट) नहीं कहा जा सकता क्योंकि वे देश के दक्षिणी राज्यों के निवासियों के साथ रहते हैं जिनका रंग काला होता है। अफ्रीकी छात्रों पर हमले मामले में नस्लवाद के आरोपों से भारत को बचाने के क्रम में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, यदि हम नस्लवादी हैं तो हमारे पास पूरा दक्षिणी हिस्सा क्यों है? जिसे आप जानते हैं… पूरा तमिल, केरल, कर्नाटक और आंध्र। हम उनके साथ क्यों रहते हैं? हमारे आसपास काले लोग हैं। उनका यह विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और ट्वीटर पर उनसे माफी की मांग हो रही है। आरएसएस संबद्ध पत्रिका पांचजन्य के पूर्व संपादक विजय ने दावा किया कि अफ्रीकी पूर्वजों वाले लोग महाराष्ट्र व गुजरात में हैं। उन्होंने भगवान कृष्ण का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि भारतीय काले रंग के भगवान की भी पूजा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो वे कहना चाहते थे शायद उनके शब्द इसके लिए पर्याप्त नहीं थे। सांसद ने माफी मांगते हुए कहा, मुझे बुरा लग रहा है, और मैं उनसे क्षमाप्रार्थी हूं जो मेरे बयान से आहत हुए हैं। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहता था, हम नस्लवाद से लड़ते हैं और हमारे यहां विभिन्न रंग और संस्कृति के लोग हैं और अभी भी किसी तरह का नस्लवाद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे दक्षिण भारतीयों को काला नहीं कहना चाहते। उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैं गलती से भी कभी दक्षिण भारतीयों को काला नहीं कहता। मैं मर सकता हूं पर अपने देश, अपने लोग और अपनी संस्कृति को कमतर कैसे बता सकता हूं।

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