जयपुर। अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने विशेष अदालत में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा सहित चार लोगों के मामले में सोमवार को अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट में चारों को इस मामले में क्लीन चिट दी गई है। हालांकि, कोर्ट इस रिपोर्ट को स्वीकार करता है या नहीं, यह अगली सुनवाई में ही स्पष्ट होगा। कोर्ट यदि इस रिपोर्ट को नहीं मानता है तो इनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में अदालत ने पिछले माह स्वामी असीमानंद को बरी कर दिया था और भावेश पटेल व देवेंद्र गुप्ता को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जानकारी के अनुसार, एनआइए की ओर से पेश की गई अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ अजमेर बम विस्फोट मामले में किसी तरह के साक्ष्य नहीं मिले हैं। ऐसे में इनके खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। वहीं अपनी रिपोर्ट में एनआइए ने तीन आरोपियों को फरार मानते हुए उनके खिलाफ अभियोजन जारी रखने की बात कही है। एनआइए ने पूर्व में भी इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा सहित चार लोगों को लेकर रिपोर्ट दी थी, लेकिन अदालत ने इस रिपोर्ट को विधि सम्मत नहीं माना था और फिर से पेश करने का निर्देश दिया था। इस मामले के फरार अभियुक्तों को लेकर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। केरल के मुख्य सचिव व इंदौर कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए। इस मामले में फरार चल रहे संदीप, सुरेश व राम चंद्र केरल व इंदौर के रहने वाले हैं। अदालत ने एनआइए से फरार आरोपियों को पकड़ने के मामले में प्रगति रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।