इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट के स्थापना के 150 वर्ष के वार्षिक समारोह के समापन दिवस के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे देश के चीफ जस्टिस ने एक संकल्प के लिए प्रेरित किया है। अब हमारा प्रमुख लक्ष्य उसको पूरा करने का रहेगा। मोदी ने कहा कि कानून सिर्फ अमीरों के लिए नहीं होना चाहिए। इसका लक्ष्य अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव होना चाहिए। उन्होंने संभावना जताई कि यह समारोह नई ऊर्जा, नये संकल्प के पूरा होने का अवसर बनेगा। बदले युग में तकनीक के जमकर प्रयोग का सुझाव दिया। यह भी बताया कि वर्ष 2014 में जब वह चुनाव प्रचार कर रहे थे तब किसी बात पर उन्होंने कहा था कि वह हर दिन एक अनुपयोगी कानून खत्म करेंगे। अब तक ऐसे करीब 1200 कानून खत्म किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई क्यों नहीं हो सकती। एसएमएस से लोगों को मुकदमों की जानकारी क्यों नहीं दी जा सकती। इलाहाबाद हाईकोर्ट को उन्होंने न्याय जगत का तीर्थ बताया। समारोह के विशिष्ट अतिथि सीएम योगी ने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। कानून का स्थान शासक से भी ऊपर है। कोई भी समाज कानून से ही चलता है। मुख्यमंत्री बोले न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को जल्द खत्म करने की पहल न्यायपालिका ने ही की है। कानून से ही शिकायतों का हल निकलता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरी निष्ठा के साथ उसे बचाया। न्यायालय ने कुछ ऐसे फैसले दिए, जिसने भारतीय समाज को नई दिशा दी। वैसे समाज कानून से चलाता है और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवशाली रहा है। मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि मुझे हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने के समापन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला।