नई दिल्ली। देश का सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने पांच अनुषंगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के साथ आज से परिचालन शुरू करने के साथ ही संपदा के मामले में दुनिया के 50 शीर्ष बैंकों में भी शामिल हो गया। इस विलय के साथ ही स्टेट बैंक ने नया प्रतीक चिह्न भी अपनाया है। एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के साथ ही भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया है। इससे बैंक का कुल ग्राहक आधार 37 करोड़ के स्तर पर पहुंचने के साथ ही इसका 24,000 शाखाओं का नेटवर्क हो गया है। पूरे देश में इसके 59,000 एटीएम हो गए हैं। विलय के बाद स्टेट बैंक का कुल जमा आधार 26 लाख करोड़ रुपए से अधिक और ऋण स्तर 18.60 लाख करोड़ रुपए हो गया है। विलय के बाद सहयोगी बैंकों के सभी ग्राहक भारतीय स्टेट बैंक के डिजिटल उत्पाद एवं सेवाओं का पूर्ण लाभ उठा सकेंगे। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा अनुषंगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) के सभी ग्राहकों, कर्मचारियों और अन्य सभी भागीदारों का एसबीआई फोल्ड में आने पर स्वागत है। बैंक एक तिमाही के भीतर लेनदेन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। यह संयुक्त इकाई उत्पादकता को बढ़ाने के साथ ही भौगोलिक जोखिम को कम करेगी, परिचालन दक्षता में सुधार लाएगी एवं ग्राहकों को बेहतर सेवायें सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि विलय के बाद बैंक अपने शाखा नेटवर्क का पुर्नगठन करेगा तथा इनमें से कुछ शाखाओं को स्थानान्तरित करेगा ताकि अधिकाधिक लोगों तक इसकी पहुंच बन सके। इससे बैंक परिचालनों का अनुकूलन होगा तथा लाभ सुधारेगा। अनुषंगी बैंकों के कोषागारों का एसबीआई कोषागार में एकीकरण किया जाएगा जिससे लागत बचत और कोषागार परिचालनों में तालमेल स्थापित हो सकेगा।