नई दिल्ली। जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी तीसरे ‘‘सबसे सफल’’ प्रधानमंत्री बनने के करीब हैं और 66 वर्षीय इस नेता का ‘‘करिश्मा’’ और ‘‘अपील’’ जाति और भाषा की सीमा के परे है। गुहा ने जारी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एलएसई इंडिया समिट 2017 को कल संबोधित करते हुए कहा कि मोदी की ‘‘पकड़’’ और ‘‘ अखिल भारतीय दृष्टिकोण’’ उन्हें उसी पाएदान में खड़ा करता है जिसमें नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा हैं। उन्होंने कहा कि हम उस समय में रह रहे हैं जब नरेन्द्र मोदी भारतीय इतिहास के तीसरे सबसे सफल प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और शायद वह हैं भी। वह इकलौते हैं जिन्हें पकड़ बनाने और अखिल भारतीय दृष्टिकोण अपनाने के मामले में आप नेहरू और इंदिरा के बराबर में रख सकते हैंं। उन्होंने आगे कहा कि नेहरू और इंदिरा के बाद भारत में कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं हुआ जिसकी देश में उस तरह की पकड़ हो, उस तरह के अधिकार हों, वह करिशमा हो, जाति से परे, भाषा से परे, क्षेत्रीय से परे अपील हो। भारतीय राजनीति के इतिहास पर उन्होंने कहा कि जाति प्रथा और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दो ‘‘निर्विवाद तथ्य’’ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस उपमहाद्वीप में दो मुख्य धर्म, हिंदू धर्म और इस्लाम धर्म महिलाओं के खिलाफ भयानक भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा निर्विवाद तथ्य यह है कि इस्लाम और हिंदू धर्म अपने ग्रथों में और समाज में उसका पालन करने के दौरान महिलाओंं के खिलाफ घोर भेदभाव करते हैं। तीन दिवसीय इस सम्मेलन की शुरआत भारत की स्वतंत्रता के 70 वर्ष को मनाने के लिए कल हुई थी।