नई दिल्ली। अध्योध्या में राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव देते हुए कहा कि दोनों पक्ष मुद्दे को आपस में बैठकर मामले को सुलझाएं। कोर्ट ने कहा कि ये धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है। जरुरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार है। अगर सहमति नहीं बनती तो सुप्रीम कोर्ट दखल देने और मामले को हल के लिए मध्यस्थ नियुक्त करने के लिए तैयार है। बता दें कि स्वामी ने कोर्ट से मांग की थी कि संवेदनशील मामला होने के नाते इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई हो। वहीं, कोर्ट ने स्वामी से कहा कि इस मुद्दे को 31 मार्च या उससे पहले उसके सामने रखे। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि दोनों पक्षों को मिल-बैठकर इस मुद्दे को कोर्ट के बाहर हल करना चाहिए। कोर्ट के मुताबिक दोनों पक्ष इसके लिए वार्ताकार तय कर सकते हैं, जो विचार-विमर्श करें। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। राम मंदिर मामले की सुनवाई अगले हफ्ते शुक्रवार से शुरू होगी। वहीं, स्वामी ने कहा कि राम का जन्म जहां हुआ था, वह जगह नहीं बदली जा सकती। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। स्वामी ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर मध्यस्थ बनने के लिए काफी वक्त से तैयार बैठे हैं। राम मंदिर पर आपसी सहमति से हल निकालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का गृह मंत्रालय ने स्वागत किया है।