पटना। आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि दुनिया में एक ऐसी छिपकली भी है, जिसकी कीमत मर्सिडीज व बीएमडब्ल्यू आदि लग्जरी कारों से भी अधिक है। हम बात कर रहे हैं ‘गीको’ की। तस्करी कर ले जाई जा रहीं ऐसी तीन छिपकलियां किशनगंज से सटे बंगाल सीमा में इकरचला काली मंदिर के निकट एसएसबी व बंगाल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मिली हैं। इस छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं के निर्माण में होता है। ‘गीको’ एक दुर्लभ छिपकली है, जो टॉक-के जैसी आवाज़ निकालने के कारण ‘टॉके’ भी कही जाती है। इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं। इसका इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बेहद मांग है। चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसी एक छिपकली की कीमत एक करोड़ रुपये तक है। यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। जंगलों की निरंतर कटाई होने की वजह से यह ख़त्म होती जा रही है। बुधवार को बरामद तीन छिपकलियाें की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ढ़ाई करोड़ से अधिक बताई जा रही है।