नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से बैंकों में जमा होने वाले चेक की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है। ऐसे में चेक के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया(आरबीआई) ने सभी बैंकों को चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम(सीटीएस) से काम करने के निर्देश दिए हैं। अब चेक क्लीयरिंग के लिए भेजने के बजाय स्कैन करके दिल्ली ग्रिड को भेजे जाएंगे। दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद भुगतान होगा। बता दें कि इस ऑटोमेशन पद्धति से चेक क्लीयर होने का कार्य 20 फरवरी से शुरू हो गया है। इसके शुरू होने से बैंक में चेक जमा होने के अगले ही दिन भुगतान हो सकेगा। वहीं, 20 मार्च से नान सीटीएस चेक (पुरानी चेकबुक) अमान्य हो गई हैं। अब खाताधारकों को नई सीटीएस चेक बुक लेनी होगी।